सराज क्षेत्र में आपदा राहत कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ प्रभावितों की सेवा में जुटी है, जबकि कुछ लोग इस कठिन समय में भी राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को मण्डी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र में बगस्याड़, थुनाग, लांबाथाच, जरोल और अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों से मुलाकात की और राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने बगस्याड़ राहत शिविर में पीड़ितों के साथ भोजन किया और व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया। शिविरों में ठहरे लोगों ने जिला प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्थाओं की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि भारी बारिश और बादल फटने से कई घर, दुकानें और गोशालाएं पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। सरकार पुनर्वास के लिए सभी संभव प्रयास कर रही है। जिनकी संपत्ति नष्ट हुई है, उन्हें जहां संभव हो, भूमि दी जाएगी। इसके लिए केंद्र से वन भूमि आबंटन की अनुमति मांगी जाएगी।
उन्होंने प्रदेश के भाजपा सांसदों से अपील की कि वे इस मुद्दे पर राजनीति न करें, बल्कि केंद्र से अनुमति दिलाने में सहयोग करें। सुक्खू ने कहा कि हिमाचल का 68% क्षेत्र वन भूमि है और विशेष अनुमति के तहत ही पुनर्वास संभव है।
सराज में राहत कार्यों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि लगभग 50 जेसीबी और भारी मशीनें सड़कों को बहाल करने में लगी हैं। जब तक सड़कें नहीं खुलतीं, राहत सामग्री पहुंचाना चुनौती रहेगा। उन्होंने कहा कि अब तक 290 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि 15 मौतों और 27 लापता लोगों की पुष्टि हुई है।
राहत शिविरों में 677 लोग ठहरे हैं और अब तक 2,657 राशन किट व 3,603 तिरपाल वितरित किए जा चुके हैं। सरकार ने घरों के पुनर्निर्माण के लिए 7 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 की आपदा में भी सरकार ने बिना केंद्र के सहयोग के सफलतापूर्वक राहत कार्य किए थे और इस बार भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम किया जा रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह राजनीति का समय नहीं है, बल्कि जनसेवा का समय है।
मुख्यमंत्री के साथ इस दौरे में कई कांग्रेस नेता और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।