शिमला जिला में हाल ही में हुई भारी वर्षा और उसके कारण हुए व्यापक नुकसान की समीक्षा के लिए उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने सोमवार को जिला के सभी उपमंडल दंडाधिकारियों (एसडीएम) के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी, अतिरिक्त उपायुक्त दिव्यांशु सिंगल, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा, तथा लोक निर्माण, जल शक्ति व विद्युत बोर्ड के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
उपायुक्त ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि आपसी समन्वय के साथ राहत एवं बहाली कार्यों को प्राथमिकता से पूरा किया जाए, ताकि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को शीघ्र राहत मिल सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्षा से प्रभावित सड़कें, जल आपूर्ति और विद्युत सेवाएं प्राथमिकता पर बहाल की जानी चाहिए। साथ ही प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री एवं आवश्यक सहायता भी तुरंत उपलब्ध करवाई जाए।
उन्होंने कहा कि सेब सीजन को देखते हुए सड़कों की बहाली को विशेष प्राथमिकता दी जाए, जिससे बागवान अपनी उपज को समय पर मंडियों तक पहुंचा सकें। उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित परिवारों को एक्स-ग्रेशिया सहायता राशि 10 दिनों के भीतर जारी की जाए। उन्होंने बताया कि सड़कों की मरम्मत के लिए तय मानकों के अनुसार ग्रामीण सड़कों के लिए प्रति किलोमीटर ₹75,000 और राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए ₹1,20,000 की व्यवस्था की गई है।
बैठक में उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिए कि असुरक्षित स्कूल भवनों में पढ़ रहे बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उपायुक्त ने बताया कि फिलहाल जिला शिमला के सभी राष्ट्रीय राजमार्ग खुले हैं, लेकिन लोक निर्माण विभाग के 669 संपर्क मार्गों में से 51 मार्ग अभी भी बंद हैं। इसके अलावा, विद्युत बोर्ड के 6 वितरण ट्रांसफार्मर बाधित हैं और जल शक्ति विभाग की 41 पेयजल योजनाएं प्रभावित पड़ी हैं। इन सभी सेवाओं की बहाली के लिए पर्याप्त मशीनरी और श्रमिकों की तैनाती की जा चुकी है।
बैठक के अंत में उपायुक्त ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे जमीनी स्तर पर जाकर वास्तविक स्थिति का आकलन करें और सुनिश्चित करें कि प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता शीघ्र उपलब्ध कराई जाए।