तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री राजेश धर्माणी ने शुक्रवार को तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए नवाचार केंद्र खोले जाएंगे। इन केंद्रों के माध्यम से पोस्ट डिग्री और पोस्ट डिप्लोमा प्रशिक्षुओं को स्टार्टअप और व्यवसायिक कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि हिमाचल सरकार प्रदेश में नवाचार आधारित संस्कृति को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए दो करोड़ रुपये का इनोवेशन फंड स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य युवाओं के न्यू एज आइडियाज और इनोवेटिव सॉल्यूशंस को प्रोत्साहित करना है।
राज्य में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में स्किल गैप विश्लेषण किया जा रहा है, जिसके आधार पर जिलावार कौशल विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी। मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार एमएसएमई और स्टार्टअप ईकोसिस्टम को मजबूत कर रही है, ताकि युवा अपने छोटे उद्यम स्थापित कर सकें।
धर्माणी ने यह भी कहा कि विभिन्न विभागों की समस्याएं अब औद्योगिक संस्थानों के प्रशिक्षुओं से साझा की जाएंगी, जिससे प्रशिक्षु व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत कर सकें। साथ ही, राज्य स्तरीय स्मार्ट हैकाथॉन जैसे आयोजनों के माध्यम से नवाचारों को मान्यता व पुरस्कार भी दिए जा रहे हैं।
उन्होंने अधिकारियों को उद्योग संगठनों से समन्वय बढ़ाने और प्रशिक्षकों के कौशल उन्नयन हेतु औद्योगिक प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में सचिव तकनीकी शिक्षा संदीप कदम, निदेशक अक्षय सूद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।