संस्कृत, जिसे देववाणी और सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है, अपने अद्वितीय ज्ञान-विज्ञान के भंडार और सांस्कृतिक महत्व के कारण आज भी उतनी ही प्रासंगिक है। इसी विशेषता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इसे द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्रदान किया है।
हर वर्ष श्रावण पूर्णिमा को संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा राज्य स्तरीय संस्कृत दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष यह भव्य आयोजन 9 अगस्त, 2025 को जिला बाबा बालक नाथ मंदिर, दियोटसिद्ध, हमीरपुर में आयोजित किया जाएगा।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए रीमा कश्यप, निदेशक, भाषा एवं संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश ने बताया कि कार्यक्रम का उद्घाटन प्रातः 10:00 बजे होगा। उद्घाटन सत्र के पश्चात अंतरमहाविद्यालयीय संस्कृत निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी तथा श्लोकोच्चारण प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें प्रदेश के लगभग 15 महाविद्यालयों से करीब 100 छात्र-प्रतिभागी भाग लेंगे।
दोपहर के सत्र में एक संस्कृत कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेशभर से लगभग 30 संस्कृत विद्वान कविगण भाग लेंगे और अपनी रचनाओं की प्रस्तुति देंगे।
इस राज्य स्तरीय आयोजन में प्रो. सत्यम कुमारी, निदेशक, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वेदव्यास परिसर, बलाहर (कांगड़ा) एवं संकाय अध्यक्ष, दर्शन शास्त्र, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।
कार्यक्रम की समस्त व्यवस्थाएं भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा सुनिश्चित की जा रही हैं।