हाथ से मैला उठाने की प्रथा पर रोक और सफाई कर्मियों के पुनर्वास हेतु बनाए गए अधिनियम 2013 के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक आज बचत भवन में उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि सफाई कर्मियों के बच्चों को छात्रवृत्ति सुविधा दिलाने के लिए प्रत्येक स्थानीय निकाय स्तर पर एक हेल्प डेस्क स्थापित किया जाएगा। यह डेस्क छात्रवृत्ति के लिए पात्र बच्चों की पहचान, उनका रिकॉर्ड संकलन और आवेदन प्रक्रिया को सरलता से पूरा करवाने का कार्य करेगा।
उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी पात्र बच्चा छात्रवृत्ति के लाभ से वंचित न रहे, और सभी निकाय 30 सितंबर 2025 की अंतिम तिथि से पहले छात्रों की जानकारी उपायुक्त कार्यालय को भेजें।
बैठक में नगर निगम शिमला द्वारा सफाई कर्मियों के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी गई – जिनमें 12 वार्डों में चेंजिंग रूम, रेडियम जैकेट, ईएसआई-ईपीएफओ नंबर युक्त पहचान पत्र, तथा जेटिंग मशीन द्वारा सीवर की सफाई शामिल हैं।
यह भी बताया गया कि जिले में अब कोई सफाई कर्मचारी हाथ से मैला नहीं उठाता तथा सभी शौचालय पूर्णतः स्वच्छ हैं। हालांकि, सफाई कर्मचारियों को पुनर्वास के लिए लोन सुविधा नहीं मिल रही है और इस दिशा में सुधार की आवश्यकता है।
उपायुक्त ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि एक सप्ताह के भीतर अपने उपमंडलों में प्रबोधन समिति की बैठक आयोजित करें, जिसकी रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय को भेजना अनिवार्य होगा। बैठक न कराने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।
बैठक में नगर निगम शिमला के संयुक्त आयुक्त डॉ. भुवन शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रत्न नेगी, जिला कल्याण अधिकारी कपिल शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।