शिमला के संजौली स्थित सरस्वती पैराडाइज स्कूल पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। प्रबंधन की आंतरिक लड़ाई के चलते, स्कूल में पढ़ रहे लगभग 987 बच्चों का भविष्य मिड सेशन में अधर में लटक गया है। स्कूल के प्रिंसिपल मनदीप राणा ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए स्कूल में एक एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया जाए।

यह स्कूल सोसाइटी एक्ट के तहत पंजीकृत है और हिमुडा ने यह जमीन पैरामाउंट पब्लिक स्कूल एजुकेशन सोसाइटी को लीज पर दी थी। लेकिन 2020 में मितल दंपति की मृत्यु के बाद, उनके बच्चे हेमांक मितल और उनकी बहन आपस में कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। वे दोनों स्कूल पर अपना दावा कर रहे हैं, जिससे स्कूल का माहौल अस्थिर हो गया है और बच्चों के भविष्य पर संकट गहरा गया है।
प्रिंसिपल राणा ने बताया कि बिना अनुमति के स्कूल परिसर में रिहायश बनाई गई है, जहां सोसाइटी के अध्यक्ष अपने दोस्तों के साथ आकर स्कूल का माहौल खराब कर रहे हैं। इसके अलावा, प्रिंसिपल द्वारा स्कूल की आर्थिक गड़बड़ियों और ठियोग में निर्माणाधीन स्कूल के लिए लिए गए 8 करोड़ रुपये के लोन के बारे में सवाल पूछने पर उन्हें और तीन अन्य अध्यापकों को अचानक नौकरी से निकाल दिया गया। इस घटना के बाद, स्कूल के पूरे स्टाफ ने सामूहिक इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। प्रिंसिपल का कहना है कि सरकार को तुरंत हस्तक्षेप कर स्कूल में प्रशासक नियुक्त करना चाहिए ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके और स्टाफ को ऐसे कठोर कदम न उठाने पड़ें।