मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने आज शिमला में शीतकालीन मौसम को ध्यान में रखते हुए तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सड़कों की स्थिति, बर्फबारी के दौरान यातायात संचालन और आपात व्यवस्थाओं की व्यापक समीक्षा की गई।
उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारियों को किरतपुर-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग के सभी हिस्सों में कम से कम दो लेन को सुचारु रूप से चालू रखने के निर्देश दिए ताकि सर्दियों में पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।
NHAI अधिकारियों ने जानकारी दी कि हाल की बरसात से क्षतिग्रस्त मार्गों पर भी अब दो लेन संचालन संभव हो गया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि सर्दियों से पहले सभी विभाग आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करें, विशेषकर बर्फ हटाने, वैकल्पिक मार्ग तैयार करने और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता के लिए अग्रिम योजना बनाई जाए। उन्होंने 120 क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और पुनर्बहाली कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि अक्टूबर माह के अंत तक अधिकांश मार्ग बहाल हो सकें।
लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने बताया कि विभाग ने मलबा प्रबंधन के लिए उपयुक्त स्थान चिन्हित कर लिए हैं और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए नई सड़कों के निर्माण की बजाय मौजूदा सड़कों को सुदृढ़ करने की रणनीति अपनाई जा रही है।
इसके साथ ही विभाग ने IIT रोपड़ के साथ तकनीकी सहयोग स्थापित किया है, जिससे कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता और विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी। विभाग अब जलवायु-प्रतिरोधी (क्लाइमेट-रेजिलिएंट) बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में कार्य कर रहा है ताकि भविष्य में मौसमजनित आपदाओं से बेहतर ढंग से निपटा जा सके।