जिला शिमला के सभी आंनवाड़ी केंद्रों की वाटिकाओं में पालक उगाया जाएगा। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने सोमवार को इस बारे में महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश जारी कर दिए है।उपायुक्त अनुपम कश्यप ने जानकारी देते हुए कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों में वाटिकाएं है और अब उन सभी वाटिकाओं में पालक उगाया जाएगा ताकि बच्चों को दिए जाने वाले आहार में पालक को शामिल किया जा सके। इसके अलावा, जिन केंद्रों में वाटिकाएं नहीं हैं वहां पर वाटिकाएं तैयार करवाई जाएंगी और गमलों आदि में पालक उगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिला के 60 फीसदी आंगनवाडी़ केंद्रों में पोषण वाटिकाएं बनाई गई है। राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत जिला शिमला के आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ताजा और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने का एक तरीका है। इस योजना के तहत, आंगनबाड़ी केंद्रों की वाटिकाओं में फल और सब्जियां उगाई जाती हैं। इनसे मिलने वाले फल और सब्जियां, बच्चों के मध्यान्ह भोजन में दी जाती हैं। जिला शिमला में 2154 आंगनवाड़ी केंद्र है।
पालक में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। पालक खाने से कई तरह के फायदे होते हैं। पालक खाने के फायदे होते है। इसमें विटामिन ए, सी, के, और फोलेट जैसे पोषक तत्व होते हैं। पालक में आयरन भी भरपूर मात्रा में होता है। पालक में मौजूद विटामिन-ए आंखों के लिए फायदेमंद होता है और पालक में मौजूद विटामिन-सी इम्यूनिटी बढ़ाता है। पालक में मौजूद विटामिन-के हड्डियों को मजबूत बनाता है।
पालक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया और माइग्रेन जैसी समस्याओं में फायदेमंद होते हैं। पालक में मौजूद नाइट्रेट ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। पालक खाने से पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। पालक खाने से हड्डियों के दर्द समेत कई बीमारियां दूर रहती हैं। पालक में मौजूद विटामिन-ए और विटामिन-सी त्वचा की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। पालक खाने से शरीर में हार्मोन्स का संतुलन ठीक रहता है।