शिमला जिले के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल), ज्योति राणा ने आज आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अभियान का उद्देश्य शिमला जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण के महत्व के बारे में जागरूक करना है, ताकि आपदाओं के समय स्थानीय निवासी बेहतर तरीके से प्रतिक्रिया दे सकें और आपदा से होने वाली क्षति को कम कर सकें।


जागरूकता वाहन का मार्ग
यह जागरूकता वाहन जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जाएगा, जिसमें प्रमुख स्थानों में शोघी, नालदेहरा, कुफरी, ठियोग, कोटखाई, जुब्बल, हाटकोटी, रोहडू, समरकोट, और रामपुर उपमंडल के बाहली, तकलेच और ज्योरी क्षेत्र शामिल हैं। वाहन 18 मार्च से 24 मार्च तक विभिन्न उपमंडलों में यात्रा करेगा, और हर क्षेत्र में आपदा प्रबंधन की रणनीतियों पर स्थानीय लोगों को जानकारी दी जाएगी।

आपदा न्यूनीकरण प्रस्तावों पर समीक्षा बैठक
ज्योति राणा ने आज आपदा प्रबंधन प्रणाली के तहत आपदा न्यूनीकरण प्रस्तावों पर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में कार्यान्वयन एजेंसियों को विभिन्न प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही करने के दिशा-निर्देश दिए गए। इसके अतिरिक्त, निर्माणाधीन कार्यों की प्रगति पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक में शिमला ग्रामीण की उपमंडलाधिकारी कविता ठाकुर और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
शिमला में आपदा प्रबंधन की दिशा में उठाए गए कदम यह जागरूकता अभियान शिमला जिले के लोगों को आपदा प्रबंधन से संबंधित सही जानकारी प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसके जरिए, स्थानीय समुदायों को आपदा के दौरान आवश्यक उपायों के बारे में सही तरीके से प्रशिक्षित किया जाएगा और उनका जीवन रक्षा के प्रयासों में सहयोग किया जाएगा।
शिमला जिले में चल रहे इस जागरूकता अभियान से लोगों को आपदा न्यूनीकरण के लिए जरूरी कदमों के बारे में जानकारी मिल रही है, जिससे भविष्य में होने वाली आपदाओं का प्रभाव कम किया जा सकता है। यह पहल आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक अहम कदम है।