विश्व जल दिवस के अवसर पर एसजेपीएनएल SJPNLऔर सुएज़ इंडिया ने शिमला के तीन प्रमुख स्कूलों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रों को जल बचत के महत्व से अवगत कराना था और उन्हें पानी की बर्बादी रोकने के उपायों पर विचार करने के लिए प्रेरित करना था।
क्विज प्रतियोगिता में एक हजार से ज्यादा छात्रों ने लिया हिस्सा


राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छोटा शिमला, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मशोबरा, और क्रिसेंट सीनियर सेकंडरी स्कूल टूटू के एक हजार से अधिक छात्रों ने इस क्विज प्रतियोगिता में भाग लिया। क्विज में छात्रों से जल संरक्षण, जल प्रबंधन, और पानी की बर्बादी रोकने के उपायों के बारे में सवाल पूछे गए, जिनसे उन्हें जल संबंधित जागरूकता प्राप्त हुई।
जल संरक्षण का महत्व समझाया गया
प्रतियोगिता के दौरान एसजेपीएनएल और सुएज़ इंडिया के अधिकारियों ने छात्रों को जल के सीमित संसाधन और इसके सतत उपयोग के महत्व के बारे में बताया। साथ ही, शिमला में चल रही जल परियोजनाओं के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई, ताकि बच्चे जल प्रबंधन की वास्तविक स्थिति को समझ सकें।
अगले हफ्ते पुरस्कार वितरण


क्विज में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को अगले हफ्ते एक विशेष कार्यक्रम के दौरान पुरस्कृत किया जाएगा। इससे न केवल बच्चों को प्रेरणा मिलेगी, बल्कि वे जल संरक्षण के प्रति और अधिक जागरूक होंगे।
नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी जल संरक्षण प्रतियोगिताएं
एसजेपीएनएल और सुएज़ इंडिया की योजना है कि इस तरह की जल संरक्षण पर आधारित प्रतियोगिताओं को शिमला के स्कूलों में नियमित रूप से आयोजित किया जाए। इसका उद्देश्य बच्चों में जल के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करना और शहर में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए व्यापक जागरूकता फैलाना है।
जल बचाने के लिए आने वाली पीढ़ी को किया जाएगा जागरूक
एसजेपीएनएल और सुएज़ इंडिया का मानना है कि इस तरह की नियंत्रित पहल आने वाली पीढ़ी को जल संरक्षण के महत्व के प्रति और अधिक जागरूक बनाएगी। यह कदम शिमला की जल समस्या को हल करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
शिमला में जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
यह आयोजन शिमला में जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। एसजेपीएनएल और सुएज़ इंडिया की जागरूकता गतिविधियां शिमला के बच्चों को जल के महत्त्व का एहसास दिलाने और जल संसाधनों के सतत उपयोग के प्रति जिम्मेदार बनाने के उद्देश्य से लगातार जारी रहेंगी।