कीक्ली रिपोर्टर, 22 मई, 2015, शिमला
अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर हिमाचल प्रदेश राज्य विविधता बोर्ड द्वारा आज गेयटी थियेटर में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जिसकी अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री संजय करोल ने की। न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री संजय करोल ने जैव विविधता प्रबन्धन कमेटी के पदाधिकारियों व विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों को अपने सम्बोधन में कहा कि वनों की समृद्धि से ही मानव जीवन की समृद्धि की सम्भावना की जा सकती है अतः समाज में वनों के संरक्षण एवं संर्वधन के लिए प्रत्येक नागरिक की भागीदारी अत्यन्त आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का उद्देश्य नई पीढ़ी व समाज के प्रत्येक वर्ग को प्रकृति के साथ जोड़ना है। उन्होंने इस अवसर पर बच्चों द्वारा पर्यावरण संरक्षण विषय पर प्रस्तुत चित्रकला की सराहना की। उन्होंने कहा कि बढ़ते शहरों से वनों की संख्या में दिन प्रति दिन कटौती हो रही है जिससे प्राकृतिक असंतुलन व पर्यावरण बिगड़ता जा रहा है जिसके लिए नई पीढी द्वारा वन सम्पदा को बढाने के लिए अपना अहम योगदान देना होगा।
श्री करोल ने कहा कि इस अवसर पर पूरे राज्य में स्कूलों विद्यार्थियों के लिए क्विज, नारा लेखन, प्रस्ताव, चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । शिमला में 45 स्कूलों के 450 विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओ में भाग लिया। प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया गया। हिमाचल प्रदेश राज्य विविधता बोर्ड के संयुक्त सदस्य सचिव डा. हेमंत कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रदेश भर में जैव विविधता कमेटियों तथा 3000 ईको क्लब का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा प्रदेश की अमूल्य प्राकृतिक धरोहर जिसमें विशेष प्रजाति के वृक्ष, जड़ी-बूटियां, प्राकृतिक स्थलों का संरक्षण व संर्वधन के लिए अनेक गतिविधियां चलाई जाती है। उन्होंने बताया कि आज का यह कार्यक्रम शिक्षा विभाग, नगर निगम शिमला, जैव विविधता प्रबन्धन बोर्ड के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। इस अवसर पर जैव विविधता कमेटी के गणमान्य सदस्यों, विभिन्न स्कूलों के अध्यापक व विद्यार्थी उपस्थित थे।
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