लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि शिक्षा ही प्रगति की असली नींव है। यह वह प्रकाश है जो अज्ञानता को दूर करता है, दृष्टि को तीक्ष्ण बनाता है और असीम संभावनाओं के द्वार खोलता है। उन्होंने कहा कि अध्ययन, तर्क और अनुसंधान के माध्यम से युवा मस्तिष्क न केवल सोचने बल्कि समाधान खोजने और सपनों को साकार करने की दिशा में अग्रसर होते हैं।
वह लोरेटो कॉन्वेंट तारा हॉल, शिमला के जूनियर स्कूल में आयोजित वार्षिक कॉन्सर्ट “मटिल्डा” में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी डॉ. अमरीन कौर भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं।
मंत्री ने कहा कि सीखना केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं होना चाहिए। मंच, खेल, संगीत, कला और रचनात्मक गतिविधियां ही बच्चों के समग्र विकास की कुंजी हैं। ये गतिविधियां बच्चों में लचीलापन, सहयोग और आत्मविश्वास विकसित करती हैं तथा उनके भीतर की अनूठी प्रतिभा को उजागर करती हैं। उन्होंने कहा, “आज की शाम का मंचन इस बात का जीवंत उदाहरण है—हर संवाद, हर कदम और हर प्रस्तुति में अनुशासन, कल्पनाशीलता और आत्मविश्वास झलकता है।”
उन्होंने विद्यार्थियों को उद्देश्यपूर्ण अध्ययन करने, आनंदपूर्वक खेलने और गरिमा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। “जिज्ञासा को अपना मार्गदर्शक और दयालुता को अपनी शक्ति बनाएं,” उन्होंने कहा।
कार्यक्रम में रोआल्ड डॉल की प्रसिद्ध कहानी “मटिल्डा” पर आधारित नाटक का प्रभावशाली मंचन किया गया। दूसरी से पाँचवीं कक्षा के कुल 543 नन्हे कलाकारों ने अभिनय, नृत्य और समूहगान के माध्यम से दर्शकों का मन मोह लिया। आकर्षक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को ऊर्जा और उत्साह से भर दिया।
समारोह का समापन ऊर्जावान समूह नृत्य के ग्रैंड फिनाले से हुआ।
विद्यालय की प्रधानाचार्या रितु शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और स्कूल की विविध गतिविधियों से मुख्य अतिथि को अवगत कराया।

