क्षय रोग को बढ़ने से रोकने के लिए संभावित रोगियों को जांच के लिए प्रेरित करने के लिए सभी वर्गों के सहयोग के साथ-साथ पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि भी अपना विशेष सहयोग प्रदान करें। यह विचार आज उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने जिला क्षय रोग उन्मूलन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। उपायुक्त ने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक कार्य करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने क्षय रोग उन्मूलन के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों तथा प्राप्त की गई उपलब्धियों पर भी गहनता से विमर्श किया।
उन्होंने जिला के नागरिकों से इस संबंध में अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में जांच करने की भी अपील की ताकि जिला को क्षय रोग मुक्त किया जा सके। उपायुक्त ने कहा कि जिला में क्षय रोग रोगियों को परामर्श प्रदान कर जांच एवं दवा लेने के लिए प्रेरित करना आवश्यक है, जिसमें क्षेत्र के लोगों तथा पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि जिला की प्रत्येक पंचायत में होने वाली आगामी ग्राम सभा में भी इस विषय पर चर्चा की जाएगी ताकि ग्राम स्तर पर क्षय रोग के प्रति जागरूकता प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि जिला में प्रत्येक विभागीय शीर्ष अधिकारी एक क्षय रोगी के देखभाल का जिम्मा उठाए ताकि सही तरीके से रोगी का इलाज हो सके और क्षय रोग का उन्मूलन किया जा सके। उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी दो क्षय रोगी की देखरेख करेंगे। आदित्य नेगी ने जिला के आयुष विभाग एवं निजी अस्पतालों से भी इस विषय पर और अधिक ध्यान देने पर बल दिया।
निक्षय पोषण योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने बताया कि क्षय रोग से ग्रस्त व्यक्ति को प्रति माह 1500 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसके अंतर्गत जिला में इस वर्ष कुल 4 लाख 29 हजार रुपए की राशि व्यय की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त यात्रा प्रतिपूर्ति, निःशुल्क सीटी स्कैन एवं एमआरआई, चेस्ट एक्सरे एवं बायोकेमेस्ट्री टेस्ट भी निःशुल्क किए जाते है। उन्होंने बताया की क्षय रोग उन्मूलन के लिए हर वर्ष एसएनसी सर्वेक्षण किए जाते है। गत वर्ष 2021 में जिला को सिल्वर मेडल प्राप्त हुआ था तथा इस वर्ष सामूहिक प्रयासों से जिला शिमला गोल्ड मेडल भी प्राप्त कर सकता हैं। उन्होंने कहा कि जिला में क्षय रोग उन्मूलन के लिए बेहतर कार्य किया जा रहा है इस संदर्भ में और अधिक बेहतर करने के लिए सभी विभागीय अधिकारी समन्वय स्थापित कर कार्य करें ताकि जिला को क्षय रोग मुक्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत की शुरुआत पूरे भारत वर्ष में राष्ट्रपति द्वारा 9 सितंबर 2022 को की गई थी। वहीं प्रदेश में इस अभियान की शुरुआत राज्यपाल द्वारा नागरिक अस्पताल सांगला में 17 सितंबर, 2022 को की गई थी। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त शिवम प्रताप सिंह, जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेखा चोपड़ा, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लोकेंद्र शर्मा एवं वरिष्ठ अधिकारीगण एवं हितधारक उपस्थित थे।