शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज उप-तहसील टिक्कर (जिला शिमला) का दौरा किया और क्षेत्र में भारी वर्षा से हुए नुकसान का जायज़ा लिया। उन्होंने क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों से आए ग्रामीणों से मुलाकात कर आपदा से हुए जान-माल के नुकसान पर चर्चा की और उन्हें हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस वर्ष हिमाचल में मानसून के दौरान सामान्य से कहीं अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जिसके चलते राज्य को भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं का सामना करना पड़ा है। उन्होंने बताया कि वे बीते दो दिनों से अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर हैं और इस दौरान कोटखाई व जुब्बल में भी सड़क, बिजली और पानी की परियोजनाओं को हुए नुकसान का मूल्यांकन किया गया है।
टिक्कर के अंतर्गत आने वाले नावर क्षेत्र में अब तक 37 में से 36 सड़कें बहाल कर दी गई हैं और शेष एक सड़क को भी जल्द खोलने की प्रक्रिया जारी है। मंत्री ने बताया कि आपदा में 51 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, 71 सुरक्षा दीवारें प्रभावित हुई हैं, साथ ही 3 गौशालाएं, 2 मजदूर आवास, 2 दुकानें और करीब 900 सेब के पौधे भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी प्रभावितों को राहत राशि नियमों के अनुसार दी जा रही है, और बिजली व पेयजल आपूर्ति को सुचारु कर दिया गया है। इस दौरान उन्होंने स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों से बातचीत की और संबंधित विभागों के अधिकारियों को उचित निर्देश दिए।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस समय उनकी प्राथमिकता सेब की फसल का सफल विपणन सुनिश्चित करना है, क्योंकि यह क्षेत्र की मुख्य आजीविका है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही मंडी मध्यस्थता योजना के अंतर्गत टिक्कर में 16 खरीद केंद्र संचालित हैं और अब तक 1 करोड़ 60 लाख सेब पेटियां मंडियों तक पहुंच चुकी हैं। इस वर्ष का लगभग 60% सेब सीज़न पूरा हो चुका है।
शिक्षा मंत्री ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने आपदा राहत के नियमों में व्यापक संशोधन किए हैं, ताकि नुकसान झेल रहे लोगों को अधिकतम सहायता मिल सके। उन्होंने बताया कि पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकानों के लिए ₹7 लाख, आंशिक क्षति पर ₹1 लाख, दुकानों/ढाबों पर ₹1 लाख, सामान के नुकसान पर ₹70,000 (मकान मालिक) और ₹50,000 (किरायेदार) तक की सहायता दी जा रही है।
इसके अतिरिक्त, गौशाला, पॉलीहाउस, कृषि भूमि, पशुधन व फसल की क्षति पर भी नई दरों के तहत राहत प्रदान की जा रही है। मंत्री ने कहा कि वह नियमित रूप से राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं और अधिकारियों से संपर्क में हैं।
दौरे के अंत में मंत्री पुजारली-3 पहुंचे, जहां उन्होंने देवता गोलिनाग के मंदिर में शीश नवाया और क्षेत्रवासियों की सुख-समृद्धि और सुरक्षा के लिए प्रार्थना की।
इस अवसर पर एसडीएम रोहड़ू, डीएसपी रोहड़ू, नायब तहसीलदार टिक्कर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे।