प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत अब नए गैस कनेक्शन जारी करने से पहले फिजिकल वेरिफिकेशन अनिवार्य होगी। यह निर्णय आज उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित जिला स्तरीय उज्ज्वला समिति की बैठक में लिया गया।
उपायुक्त ने बताया कि केंद्र सरकार के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, आवेदनकर्ता की केवाईसी प्रक्रिया पूरी होने के बाद पंचायत सचिवों के माध्यम से स्थल पर जाकर भौतिक सत्यापन किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आवेदन पत्र में दी गई जानकारी सही है या नहीं। सत्यापन उपरांत ही पात्र लाभार्थियों का चयन जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा।
अनुपम कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी सामाजिक कल्याण योजना है, जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों की महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन प्रदान किया जाता है। सरकार प्रत्येक कनेक्शन पर 2050 रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती है।
उन्होंने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना, महिलाओं के स्वास्थ्य संरक्षण और सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना है। पारंपरिक ईंधनों से होने वाले प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को कम करना भी इस योजना का प्रमुख लक्ष्य है।
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि ऐसे आवेदक पात्र नहीं होंगे, जिनके परिवार में कोई सदस्य 10 हजार रुपये से अधिक मासिक आय अर्जित करता हो, आयकरदाता या सरकारी कर्मचारी हो, वाहन या कृषि उपकरण का मालिक हो, या पहले से एलपीजी कनेक्शन रखता हो।

