चिड़गांव में आज सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से नागरिक संरक्षण अधिकार अधिनियम, 1955 तथा अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के अंतर्गत एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का संचालन तहसील कल्याण अधिकारी, चिड़गांव द्वारा किया गया, जबकि इसकी अध्यक्षता उपमंडलाधिकारी (नागरिक) रोहड़ू, धर्मेश रामोत्रा ने की।
रामोत्रा ने अपने संबोधन में कहा कि यह शिविर समाज के वंचित और कमजोर वर्गों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने तथा उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में विभाग का एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने दोनों अधिनियमों की उपयोगिता एवं प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी और प्रस्तुति के माध्यम से उपस्थित जनप्रतिनिधियों को जागरूक किया।
उपमंडलाधिकारी ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि पंजीकृत मामलों की जांच समयबद्ध रूप से पूरी की जाए और इसकी मासिक रिपोर्ट तहसील कल्याण अधिकारी को सौंपी जाए। साथ ही तहसील कल्याण अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि पात्र लाभार्थियों को समय पर राहत मिले और पंचायत स्तर पर नियमित रूप से ऐसे जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएं, ताकि समाज के कमजोर वर्गों तक सरकारी योजनाओं और अधिकारों की जानकारी पहुंच सके।
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