विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर शिमला ज़िले में विभिन्न स्तरों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. यशपाल रांटा के मार्गदर्शन में रिपन अस्पताल के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और आशा कार्यकर्ताओं को स्तनपान के महत्व के बारे में जागरूक किया गया।
डॉ. रांटा ने जानकारी दी कि जन्म के तुरंत बाद, विशेषकर पहले आधे घंटे के भीतर शिशु को माँ का पहला गाढ़ा दूध – कोलोस्ट्रम – पिलाना अत्यंत लाभकारी होता है, क्योंकि यह शिशु की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। उन्होंने बताया कि शिशु को पहले छह महीने केवल माँ का दूध दिया जाना चाहिए और उसके बाद पूरक आहार के साथ स्तनपान जारी रखना चाहिए।
माँ का दूध शिशु को निमोनिया, दस्त और अन्य गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करता है, जिससे शिशु मृत्यु दर में कमी आती है। इसके अतिरिक्त, स्तनपान महिलाओं में स्तन व अंडाशय कैंसर की संभावनाएं भी कम करता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने आमजन से अपील की कि वे स्तनपान को लेकर समाज में सकारात्मक माहौल बनाएं और संक्रमण से बचने के लिए बोतल से दूध पिलाने से परहेज़ करें।
विश्व स्तनपान सप्ताह: शिमला में मातृत्व पोषण और शिशु स्वास्थ्य को मिलेगा बढ़ावा