मासिक धर्म, स्वच्छता प्रबंधन जागरूकता बढ़ाने एवं सामाजिक पाबंदियां, अमान्यताएं व वर्जनाएं तोड़ने के लिए 28 मई, 2022 को मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। यह विचार आज अतिरिक्त निदेशक महिला एवं बाल विकास एकता कापटा ने शिमला वैली नर्सिंग एवं पीजी काॅलेज संजौली स्थित कमलानगर में विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम ‘वो दिन योजना’ की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। उन्हांेने कहा कि मासिक धर्म के आसपास के नकारात्मक सामाजिक मानदंडों को बदलने के लिए भी यह दिवस हमें एक सोच प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि किशोरियों व महिलाओं को सबसे पहले मासिक धर्म की बुनियादी व स्वच्छता प्रबंधन जानकारी होना व उस पर अमल करना आवश्यक है तभी आम जनमानस की सोच को इसके प्रति बदलने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता अभियान थीम का भी यही उद्देश्य है कि एक ऐसे समाज का निर्माण करना, जहां मासिक धर्म के कारण कोई महिला या लड़की अपने आप को अछूत महसूस न करे। उन्हांेने कहा कि ऐसा समाज जिसमें हर महिला व लड़की को आत्म विश्वास के साथ और बिना शर्म व लज्जा के समाज में रहने का पूर्ण अधिकार हो। इसी उददेश्य से आज राज्य के 78 विकास खण्डों मंे जागरूकता शिविर लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा महिलाओं के उत्थान व कल्याण के लिए अनोकों योजनाऐं चलाई गई है जिनमें से एक महिला सशक्त योजना है जिसके माध्यम से पंचायत स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं और स्कूलों में भी छात्राओं को मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन बारे जागरूकता के साथ साथ सैनेटरी नैपकिन वितरित किए जा रहे हैं ।
जिला कार्यक्रम अधिकारी शिमला ममता पाॅल ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए जानकारी दी कि मासिक धर्म स्वच्छता वर्ष 2014 से हर वर्ष आयोजित किया जा रहा है । मासिक धर्म के दौरान अज्ञानता, अविश्वास तथा रूढ़िवादी प्रथाओं के कारण किशोरियों को अछूता समझा जाता है, जिसकी जागरूकता के लिए विभाग द्वारा प्रयास जारी है जबकि इस अभियान को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के साथ भी जोड़कर जागरूक किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि आज के दिन ऐसे कार्यक्रम जिला के 11 विकास खण्डों में आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि लोगों की सोच को बदला जा सके ।
कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य विभाग से डाॅ. वान्या पठानिया ने बच्चों के साथ मासिक धर्म स्वच्छता से संबंधित तथा आयुर्वेदिक विभाग से डाॅ. विकास ने किशोरावस्था में पोषण व स्वास्थ्य देखभाल के बारे में विस्तृत जानकारी दी।कार्यक्रम में छात्राओं के साथ संवाद भी स्थापित किया गया, जिसमें विशेषज्ञों द्वारा जवाब दिए गए।
कार्यक्रम के दौरान मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन पर आधारित लघु नाटिका भी प्रस्तुत की गई तथा प्रश्नोत्तरी व नारा लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में पांच टीमों ने भाग लिया, जिसमें से टीम-इ की पंखिल व अकांक्षा ने प्रथम स्थान, टीम-सी की वंशिका व रंजना ने द्वितीय तथा टीम-बी की मनत व नीतिका ने तृतीय स्थान हासिल किया। इसी प्रकार नारा लेखन प्रतियोगिता में मोनिका प्रथम, तनिश, दिव्यांशी व सृष्टि ने द्वितीय तथा शिल्पा ने तृतीय स्थान हासिल किया। मुख्यातिथि ने प्रतियोगियों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर नर्सिंग काॅलेज के प्रबंध निदेशक डाॅ. एसआर शांडिल व डाॅ. सुनीता ठाकुर सहित बड़ी संख्या में नर्सिंग व पीजी काॅलेज की छात्राएं उपस्थित थीं।