हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्र सरकार पर लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि फर्जी वोटर लिस्टऔर चुनावी प्रक्रियाओं में गड़बड़ियों को उजागर करने पर विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा इन अनियमितताओं के विरोध में आयोजित शांतिपूर्ण मार्च को जबरन रोका गया और उन्हें हिरासत में ले लिया गया। अग्निहोत्री ने इस घटना को लोकतंत्र के लिए “काला दिन” बताया।
उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि राहुल गांधी ने देश के सामने कई अहम खामियों को उजागर किया है, विशेष रूप से वोटर लिस्ट में फर्जी नामों और गलत दर्जनों को लेकर। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध करना एक लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन केंद्र सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है।
अग्निहोत्री ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह सच से घबराई हुई है और पारदर्शिता से बच रही है। उन्होंने कहा, “जनता की आवाज को दबाने की कोशिश अलोकतांत्रिक है, लेकिन न तो सच की लड़ाई को कोई रोक सकता है और न ही भारत की आवाज को खामोश किया जा सकता है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस और INDIA गठबंधन लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेंगे और देश की जनता को सच्चाई से अवगत कराते रहेंगे।
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