जिला शिमला में वन भूमि की डिमार्केशन (सीमांकन) प्रक्रिया को गति देने के लिए उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में सभी एसडीएम और डीएफओ के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक आयोजित की गई।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि जिले के सभी डीएफओ एक सप्ताह के भीतर वन भूमि की वर्तमान स्थिति (स्टेटस रिपोर्ट) प्रस्तुत करें। यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा WP 1164/2023 में पारित निर्देशों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वन भूमि का सीमांकन करने, उस पर कब्ज़ा लेने तथा राजस्व विभाग के अधीन गैर-वन उपयोग में दी गई भूमि को वन विभाग को सौंपने के निर्देश दिए हैं। इस संदर्भ में वन और राजस्व विभाग मिलकर कार्य कर रहे हैं।
बैठक के दौरान फील्ड में सामने आ रही व्यावहारिक समस्याओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें स्टाफ की कमी एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई। उपायुक्त ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर योजना बनाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को जल्द से जल्द लागू करवाएं।
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