डिम्पल ठाकुर (हिना)
खुशियां है ज़िन्दगी, तो गम क्या है
जीना है जिंदगी, तो मौत क्या है
मुस्कुराना है जिंदगी तो रोना क्या है
पाना है जिंदगी तो खोना क्या है
दिल है जिंदगी तो दिमाग़ क्या है
प्यार है जिंदगी तो जज़्बात क्या है
रंग है जिंदगी तो रूप क्या है
बारिश है ज़िन्दगी तो धूप क्या है
दर्द है ज़िन्दगी तो दवा क्या है
पानी है ज़िन्दगी तो हवा क्या है
गीत है जिंदगी तो राग क्या है
सुर है जिंदगी तो साज़ क्या है
इसी सोच मे बीती रात
न समझी “हिना”आखिर
ये ज़िन्दगी क्या है।
Wow….What a simple description of life and death….Awesome
thank u so much .