कीक्ली रिपोर्टर, 9 जुलाई, 2018, शिमला
उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने जिला में सभी शैक्षणिक संस्थानों को रैगिंग रोकने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों व प्रदेश सरकार के विभिन्न दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन करने के निर्देश दिए हैं। वह आज यहां जिला स्तरीय एंटी रैगिंग मौनिट्रिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
बैठक में रैगिंग के मामलों, एंटी रैगिंग निगरानी कमेटियों के गठन, एंटी रैगिंग दस्तों का गठन, छात्रों के उन्मुखीकरण और उन्हें जागरूक करने के लिए विभिन्न कदम उठाने, रैगिंग की घटना होने पर की जाने वाली कार्यवाही, होस्टल, लॉज व शैक्षणिक संस्थान के परिसर के बाहर पेईंग गैस्ट आवास की निगरानी सहित अन्य विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई ।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए निजी छात्रावास चलाने वाले छात्रावास मालिकों को उसका पंजीकरण पुलिस के पास करवाना अनिवार्य होगा, साथ ही इसकी अनुमति सम्बन्धित शैक्षणिक संस्थान के प्रमुख से भी लेनी होगी।
उपायुक्त ने कहा कि सभी शैक्षणिक संस्थानों में एंटी रैगिंग प्रावधानों, सहायता और मार्गदर्शन के बारे में जानकारी शैक्षणिक संस्थान परिसर में बोर्ड पर प्रमुखता के साथ प्रदर्शित की जानी चाहिए। विभिन्न छात्रावासों में भी एंटी रैगिंग प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
एंटी रैगिंग कमेटी का समयबद्ध गठन सुनिश्चित कर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुरूप एंटी रैगिंग दल, रैगिंग निगरानी सैल द्वारा भी समय समय पर विभिन्न कदम उठाए जाने चाहिए।
छात्रों में सौहार्दपूर्ण सम्बन्धों के लिए नये छात्रों के शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश के उपरांत वरिष्ठ व कनिष्ठ छात्रों में सांस्कृतिक, खेल व अन्य तरह की गतिविधियां आयोजित की जानी चाहिए। रैगिंग की घटना की सूचना प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए। रैगिंग के खिलाफ विभिन्न प्रावधानों के बारे में शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के साथ साथ समस्त स्टाफ को भी जानकारी प्रदान की जानी चाहिए। स्थानीय प्रशासन व पुलिस द्वारा भी रैगिंग पर नियंत्रण करने के लिए समय समय पर निरीक्षण किया जाना चाहिए।
रैगिंग के बारे में यूजीसी द्वारा स्थापित टॉल फ्री नम्बर 1800-180-5522 पर भी सूचना प्रदान की जा सकती है। रैगिंग के बारे में शिकायत helpline@antiragging.in and www.antiragging.in वेवसाईट पर भी की जा सकती है।
कश्यप ने सभी शैक्षणिक संस्थानों से छात्रों को नशा सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने तथा इस समस्या पर नियन्त्रण के लिए प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में महिला कर्मचारियों एवं छात्राओं के लैंगिक उत्पीड़न के निराकरण के लिए नियमानुसार कमेटियों के गठन के निर्देश दिए।