कीकली रिपोर्टर, 18 अक्टूबर, 2018, शिमला
शैमरॉक डैज़लर्ज़ प्ले स्कूल, शिमला, में दशहरा पर्व का आयोजन बड़े धूम धाम से किया गया| जिसमें बच्चों, अभिभावकों व स्टाफ की समस्त सदस्याओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया व रावण, कुम्भकरण तथा मेघनाथ के पुतलों का भी दहन किया गयाI नन्हे मुन्ने बच्चों ने आकर्षक वेष भूषा में राम, सीता, हनुमान, रावण आदि किरदारों को बहुत ही आकर्षक रूप से प्रस्तुत किया|
इस अवसर पर प्ले स्कूल की प्रधानाचार्य शैलजा अमरेईक ने सभी प्रदेशवासियों को दशहरा पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाए देते हुए नन्हे मुन्ने बच्चों को दशहरा पर्व को मनाये जाने के महत्व पर विस्तृत रूप से जानकारी दी| उन्होंने कहा कि भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है।
इस दिवस को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। दशहरा का पर्व हमें दस प्रकार के पापों — काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी जैसे अवगुणों को छोड़ने की प्रेरणा देता है। सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी दशहरा की विशेष महत्ता है| इस दिन देश भर में रावण के पुतले बना कर उसे प्रज्वलित करके बुराइयों से दूर रहने की शिक्षा दी जाती है|
इस रावन दहन समारोह में समाज के हर वर्ग और तबके की भागीदारी एकता का भी सन्देश देती है| बुराई पर अच्छाई की जीत का ये उत्सव भारतीय जनमानस के बीच उदाहरण के रूप में हर वर्ष प्रस्तुत करना सामाजिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है| इसके अतिरिक्त दशहरा से पहले और इस दौरान देश भर में रामलीला का आयोजन कर श्री राम की कथा के माध्यम से सही रास्ते पर चलने और अपने कर्तव्यों का सही से पालन करने की शिक्षा सदियों से मिलती आ रही है| रामलीला खुद में एक उत्सव से कम नहीं होता| यह हमारे देश की महत्वपूर्ण सांस्कृतिक विरासतों में से एक है, जो सदियों से निरंतर लोगों का मनोरंजन करती आई है|