राजेश शर्मा, कीक्ली रिपोर्टर, 6 सितम्बर, 2016, शिमला
महाभारत व रामायण काल से चली आ रही गुरू शिष्य की परंपरा आज भी कायम है। गुरू व शिष्य की गाथाएं अब भी प्रासंगिक है। गुरू बिन ज्ञान की गाथा को 21वीं सदी में भी दोहराया जा रहा है। आज भी बेहतर भविष्य की नींव रखने में गुरू शिष्यों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। तभी तो आधुनिक दौर में भी शिष्यों में गुरूजनों के प्रति आपार आदर भाव है।
शिक्षक दिवस पर जहां विद्यालयां में अध्ययनरत शिष्यों द्वारा अपने गुरूजनों को सम्मान दिया। वहीं इस दौरान शिक्षक भी अपने गुरूजनों को अवश्य याद करते हैं। शिक्षक दिवस को लेकर शिक्षकों का कहना है कि समाज में गुरूजनों का एक विशेष दर्जा है। गुरू ही स्वयं जलकर समाज को रोशन करता है और एक शिष्य को भविष्य व जीवन का मकसद बताने में उसका मार्गदर्शन करता है।
शिक्षकों के सम्मान में प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में शिक्षक दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया।
इसी कड़ी में टूटीकंडी स्थित स्वर्ण पब्लिक स्कूल में सोमवार को अध्यापक दिवस धूमधाम से मनाया गया। स्कूल की प्रधानाचार्या सीमा मेहता ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम की शुरूआत जीया, डोली, रीया ने गुरू वंदना की। दूसरी कक्षा की आयूषी ने डा. राधाकृष्णनन जीवन से संबंधित विचार प्रस्तुत किए। काव्या, शुभम, सौरव यश ने अध्यापक एवं शिष्य संबंधित एक लघु नाटिका प्रस्तुत की। दिव्या, पूर्तिमा, सारिका, वंशिका, भूमिका, तनवी, अंकिता ने मराठी नृत्य प्रस्तुत किया। हंसिका, अवनी, सोनाक्षी, आरूषी, कशिश, विपाक्षी ने राजस्थानी नृत्य पर सबको झूमने को विवश कर दिया। आठवीं कक्षा की छात्राओं प्रियंका,
नताशा, खुशबू, लता, दिव्या, सोनिया ने मैं नाचू आज छम छम पर सबको नचा दिया। दसवीं कक्षा की छात्राओं गितिका और सोनिया ने पंजाबी नृत्य पर सबको मोहित कर दिया। नौंवी कक्षा की मृणाल, मेघा, श्रेया, अक्षिता ने लड़की ब्यूटीफुल पर नृत्य किया। दसवीं कक्षा की शिवानी आरती ने बीट व ब्यूटी पर नृत्य किया। अंत में सोनिया, गितिका ने हर अध्यापक पर शायरी के माध्यम से उन्हें अलग-अलग तरह के टाइटल दिए। अंत में स्कूल की प्रधानाचार्य ने शिक्षा के क्षेत्र में अध्यापक के महत्व को बताया। अंत में सभी विद्यार्थियों ने अध्यापकों ने और मुख्य अध्यापिका ने मिलकर डा. सर्वपज्जली राधाकृष्णन एवं लाल बहादुर शास्त्री को उनके जन्मदिवस पर बधाइयां दी। इस दिन के उपलक्ष्य पर स्कूल के विद्यार्थियों एवं प्रधानाचार्या ने मतदान करके प्रवीण शर्मा को श्रेष्ठ अध्यापक का सम्मान देकर सम्मानित किया।
शोघी से लगते विभिन्न स्कूलों में अध्यापक दिवस की खूब धूम रही। इस दिवस को लेकर पिछले तीन चार दिनों से बच्चों में काफी उत्साह था। ब्लू बैल पब्लिक स्कूल, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शोघी, सैहल स्कूल, डीएवी स्कूल शोघी, कोट, आनंदपुर में अध्यापक दिवस पर बच्चों द्वारा तरह-तरह के रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया है। बच्चों ने अपने स्कूल के अध्यापकों को पैन, फूल व उपहार भेंट किए। पढ़ाई का टैस्ट आदि के बाद बच्चों ने इन कार्यक्रमों में खूब आनंद लिया।
अनाडेल स्कूल में स्वयंसेवी संस्था भारत विकास परिषद् के साथ मिलकर शिक्षक दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल प्रधानाचार्य करूणलता ने की। भारत विकास परिषद् की ओर से अनुराधा सूद एवं डॉ. सुफल सूद ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। सुफल सूद ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुरू और शिष्य का नाता बहुत महत्वपूर्ण होता है। बिना गुरू के ज्ञान संभव नहीं होता इसलिए विद्यार्थियों को गुरू की महिमा को नहीं भुलाना चाहिए। वहीं अनुराधा सूद का कहना था कि आज के वातावरण में गुरू शिष्य परंपरा का दिनोंदिन क्षरण हो रहा है जिससे नयी पीढ़ी में संस्कार और नैतिकता का अभाव हो गया है।
भारतीय परम्परा बड़ी अद्भुत रही है ऐसे में पुराने विचारों को नये रूपों में प्रस्तुत किये जाने की जरूरत है। संस्था के सदस्यों ने स्कूल की अध्यापिकायें कश्मीरा चौहान औेर मिस माला थापा को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर होनहार विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया। इसमें प्रथम पुरस्कार पूजा तथा विशाल ने प्राप्त किया। विद्यालय की मुख्य अध्यापिका करूणलता ने छात्रों को शिक्षा के उच्च आयामों को स्पर्श करने के लिए प्रेरित किया उनका कहना था कि युवा आज किसी भी सूचना के लिए गुगल गुरू का ही नाम लेते हैं। गुगल जानकारी तो देता है लेकिन ज्ञान तो शिक्षक ही दे सकता है। आज गुरू पर्व पर इसको व्यापकता से समझे जाने की जरूरत है।
शिक्षक दिवस पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया जिसमें बीएड प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। इसमें निकिता, भावना, दीपिका, शिवानी, चांदनी, संजय शर्मा आदि छात्रों ने भाग लिया। इस अवसर पर अध्यापकों को कक्षा प्रभारियों ने उपहार देकर सम्मानित भी किया गया। सम्मानित करने वाले विद्यार्थियों में अमित, स्नेहा, गौरव शर्मा, करन, किरण, आर्यन, शंकर शामिल रहे।
हिमालयन इंटरनैशनल स्कूल छराबड़ा के परिसर में सोमवार को बच्चों द्वारा अध्यापक दिवस का आयोजन किया गया। बच्चों द्वारा अध्यापकों को पुष्पगुच्छ व उपहार भेंट किए गए और रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया। प्रधानाचार्या डा. सरिता ठाकुर ने बच्चों का धन्यवाद किया और उन्हें शुभकामनाएं दी।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खटनोल में प्रधानाचार्य राहुल शर्मा की अध्यक्षता में शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई) द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। प्रधानाचार्य राहुल शर्मा ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि भारत में गुरू और शिष्य परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है, जहां गुरूओं का सम्मान करना विद्यार्थियों का दायित्व बनता है, वहीं शिक्षकों का दायित्व बनता है कि वे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित बनाएं, ताकि वे एक आदर्श नागरिक बन सके।
इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य गिरधारी लाल शर्मा, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष राजेश शर्मा व पाठशाला के शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित थे।
बखोल स्कूल में रंगारंग कार्यक्रम — कोटखाई के राजकीय उच्च विद्यालय बखोल में शिक्षक दिवस के मौके पर रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। पाठशाला के छात्रों ने इस समारोह को हर्षोल्लास से मनाया। दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। छात्राओं ने समूह गान, भाषण, एकल गान व नाटियां प्रस्तुत करके माहौल बना दिया। यहां मुख्य अध्यापक सुखदेव धीमान ने शिक्षक दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। स्कूल प्रबंधन समिति की अध्यक्ष आशा देवी व केन्द्रीय मुख्य शिक्षक प्राथमिक पाठशाला बखोल के भागमल शर्मा व एसएमसी अध्यक्ष नीतू भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
राजधानी स्थित आईवी इंटरनेशनल स्कूल में सोमवार को शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में बच्चों द्वारा शिक्षक के सम्मान में मंनोरजन तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पहली व दुसरी कक्षा के विद्यार्थियों ने हास्य लघु नाटिका का मंचन किया। यह लघु नाटिका शुमेकर पर आधारित थी। तीसरी और चौथी ओर पांचवी के छात्रों द्वारा कोशिश करने वालों की कभ््राी हार नहीं होती नामक कविता के माध्यम से छात्रों को प्रभावपुर्ण संदेश दिया गया। वहीं कार्यक्रम में छठी , सातवी व आठवी के छात्रों ने लुगीं डांस और भागडंा की प्रस्तुति दी। समायरा और अनवी ने मंच का संचालन किया। कक्षा छठी की छात्रा भव्या शर्मा ने अध्यापकों को सम्मानित करते हुए कहा कि आज का शिक्षक खुद जल कर दूसरों को रोशनी देता है। शिक्षक एक मोमबती नही बल्कि एस्केलेटर है जो खुद उपर जाने के साथ साथ दूसरों को भी उपर ले जाते है। स्कूल की प्राधानाचार्य मधु डोगरा और अन्य अध्यापाकों ने बच्चीें द्वारा दी गई प्रस्तुतियो को सराहा और इस आयोजन के लिए बच्चों का धन्यावाद किया।