कीक्ली रिपोर्टर, 1 अगस्त, 2018, शिमला
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले दिव्यांगों को अब कोई फ़ीस नहीं चुकानी होगी । प्रदेश सरकार ने हाई-कोर्ट के निर्देश के बाद विशेष बच्चों की फ़ीस माफ करने का फैसला लेते हुए 9वीं से बारहवीं कक्षा मे शिक्षा ग्रहण कर रहे करीब 2700 दिव्यांगो को राहत प्रदान की है । प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक की पढ़ाई की व्यवस्था पहले से ही निशुल्क है । ऐसे में सरकार के इस फैंसले से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से बारहवीं कक्षा तक शिक्षा ग्रहण कर रहे करीब 12,000 दिव्यांग लाभान्वित हो सकेंगे । इससे पूर्व अब तक सरकारी स्कूलों मे फ़ंड ओर फ़ीस के रूप मे प्रति माह 20 से 35 र लिए जाते हैं । मौजूदा समय मे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक करीब 9600 दिव्यांग शिक्षा ग्रहण कर रहे है ।
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ अमरजीत शर्मा के अनुसार, “सरकार ने विशेष बच्चों से फ़ीस और किसी प्रकार के फंड नहीं लिए जाने का निर्णय लिया है, इस संबंध मे सभी स्कूल प्रभारियों को नए आदेश जारी कर दिये गए हैं”।
यहा बता दें की प्रदेश के सरकारी स्कूलों मे पढ़ाई के लिए दाखिला लेने वाले बच्चों की संख्या में प्रत्येक वर्ष गिरावट दर्ज की जा रही है, निजी स्कूलों की पैठ के बीच सरकारी स्कूलों में तमाम सुविधाओं के बावजूद अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों से शिक्षा ग्रहण न करवाना शिक्षा विभाग और सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है । सरकारी स्कूलों मे किताबों, यूनिफ़ोर्म सहित विभिन्न मुफ़्त सुविधाओं के बावजूद सरकारी स्कूलों मे पढ़ने वाले स्कूली बच्चों की संख्या तेजी से गिरती जा रही है ये गिरावट प्रति वर्ष 25 से 29 हजार के करीब है । सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद इस कदर गिरावट का सिलसिला प्रदेश सरकार के गले का फांस बनी हुई है । उधर आधुनिकता की अंधी दौड़ और जमाने की चकाचौंध से प्रभावित अभिभावक वर्ग अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहया करवाने के लिए निजी स्कूलों को तरजीह देने लगे हैं ।