कीकली रिपोर्टर, 8 सितम्बर, 2018, शिमला
शैमरॉक रोजेंस स्कूल ने ग्रैंड पैरेंट्स डे बड़े धूमधाम के साथ मनाया। इस अवसर पर स्कूल द्वारा बच्चों के दादा दादी और नाना नानी को स्कूल बुलाया गया। स्कूल की प्राधानाचार्य प्रीति चुट्टानी ने बच्चों को बताया कि दादा-दादी और पोता-पोती के बीच के संबंध शब्दों में वर्णित नहीं किए जा सकता। दादा-दादी न केवल बच्चों में अच्छी आदतें और नैतिक मूल्यों को विकसित करते हैं बल्कि असीमित आनंद उठाने के लिए उनके सबसे अच्छे दोस्त भी बन जाते हैं। जहाँ तक माता-पिता की बात है तो वे अपने बच्चों के लिए सभी प्रकार की सहूलियतें उपलब्ध कराने की कोशिश करते हैं लेकिन उनके दादा-दादी के बिना यह सारी कोशिशें अधूरी हैं।
उन्होंने बताया कि ऐसा अक्सर देखा जाता है कि पोता-पोती के अन्दर अपने दादा-दादी से मिलते जुलते कई गुण पाए जाते हैं। आपने कई बार उन्हें उसी तरीके से बर्ताव करते हुए देखा भी होगा। दिलचस्प बात यह है कि ऐसा सिर्फ उन लोगों के साथ ही नहीं है जो हमेशा एक साथ रहें हो बल्कि उन लोगों के साथ भी है जिन्हें शायद ही एक-दूसरे से मिलने का मौका मिल पाता हो। इसका कारण यह है कि बच्चे अपने दादा-दादी के कुछ गुणों को जन्म से अपनी पैतृक सम्पत्ति के रूप में प्राप्त करते हैं।