हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित ‘ब्रेन ऑफ हिमाचल 2025’ पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। यह कार्यक्रम एस्पायर संस्था द्वारा आयोजित किया गया, जो प्रदेश के छात्रों के लिए उच्च गुणवत्ता की कोचिंग और छात्रवृत्तियों की सुविधा प्रदान करता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज हिमाचल के गांवों के बच्चे बेहतर शैक्षणिक सुविधाओं और अवसरों के चलते नए मुकाम हासिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आ रहे हैं और गांव की महिलाएं, जो कभी शिक्षा से वंचित थीं, आज अपने बच्चों को डॉक्टर, जज, अफसर और शिक्षक बनते देख रही हैं।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, जरूरत सिर्फ बेहतर संसाधनों और मार्गदर्शन की है। उन्होंने बताया कि हिमाचल में IIT, IIM, और IIIT जैसे संस्थानों की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की दूरदृष्टि का परिणाम है। उन्होंने रोजगार के क्षेत्र में मनरेगा जैसी योजनाओं की सराहना की, जो ग्रामीण भारत की रीढ़ बन चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज शिक्षा गांव-गांव तक पहुंच चुकी है। जहां एक समय में छात्रों को मीलों पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता था, वहीं आज के छात्र अपने गांव में ही कोचिंग संस्थानों और आधुनिक स्कूलों की सुविधा पा रहे हैं। उन्होंने निजी कोचिंग संस्थानों की भूमिका की भी सराहना की, जो छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के करीब 100 सरकारी स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही प्रथम कक्षा से ही अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से हिमाचल आज गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मामले में 21वें स्थान से 5वें स्थान तक पहुंच गया है।
राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल की स्थापना की जा रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को भी सर्वश्रेष्ठ शिक्षा का वातावरण मिल सके।
कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री ने युवाओं से नशे से दूर रहने और खेल, संस्कृति और अकादमिक गतिविधियों में भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि संपूर्ण व्यक्तित्व विकास ही छात्रों को उनके लक्ष्य तक पहुंचा सकता है।
कार्यक्रम में जमा दो कक्षा के अक्षत ठाकुर को ‘ब्रेन ऑफ हिमाचल 2025’ के खिताब से नवाजा गया। उन्हें पुरस्कारस्वरूप एक ऑल्टो कार प्रदान की गई। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने ‘एस्पायर डिजिटल’ पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
एस्पायर के एमडी योगेंद्र मीना ने बताया कि संस्था की स्थापना 2013 में हुई थी ताकि प्रदेश के छात्र कोटा या दिल्ली जैसे शहरों में जाए बिना उच्च गुणवत्ता की कोचिंग प्राप्त कर सकें। वर्ष 2025 में एस्पायर के माध्यम से 141 छात्रों ने NEET और 52 छात्रों ने JEE परीक्षा में सफलता पाई है।
‘ब्रेन ऑफ हिमाचल’ परीक्षा अब राज्य का सबसे बड़ा टैलेंट हंट बन चुका है। वर्ष 2025 में यह प्रतियोगिता 11 जिलों, 131 परीक्षा केंद्रों, और 1009 स्कूलों के बीच आयोजित हुई, जिसमें 20,567 छात्रों ने भाग लिया। यह परीक्षा छात्रों की प्रतिभा पहचानने और प्रतिस्पर्धा की भावना जगाने का बेहतरीन मंच बन गई है।