विज्ञान सर्वत्र पूज्यते का उद्देश्य हमारे युवाओं को प्रेरित करने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से 75 वर्षों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उपलब्धियों का जश्न मनाना है। यह जानकारी आज अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग मेजर जनरल अतुल कौशिक एस एंड एम, वीएसएम (सेवानिवृत) ने हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद द्वारा आज राजकीय महाविद्यालय संजौली में आयोजित ग्लोरियस साइंस वीक विज्ञान सर्वत्र पूज्यते 22 से 28 फरवरी कार्यक्रम का शुभारंभ करने के उपरांत दी।
उन्होंने बताया कि यह आयोजन वैज्ञानिकों की कहानियों को सामने लाएगा, जिन्होंने हमारे राष्ट्र की विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल की है और सामाजिक तथा आर्थिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने में भी मदद की है।

उन्होंने बताया कि विज्ञान सर्वत्र पूज्यते देश के हर हिस्से से विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार को प्रदर्शित करने के लिए एक अखिल भारतीय कार्यक्रम है। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत यह कार्यक्रम देशभर में 75 स्थानों पर एक साथ आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन के तहत सप्ताह भर चलने वाले उत्सव के लिए चार विषयों को मान्यता दी गई है, विज्ञान के वर्ष क्रमिक इतिहास, आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मील के पत्थर, स्वदेशी पारंपरिक आविष्कार और नवाचार, भारत को बदलना। उन्होंने बताया कि इन विषयों को अलग-अलग दिनों में कवर किया जाएगा और विशेषज्ञ इन विषयों से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपनी बातचीत के माध्यम से एक अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे। इसके अलावा विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, विज्ञान माॅडल की प्रदर्शनी और संबंधित विषयों पर पुरस्कार विजेता वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग भी होगी।

उन्होंने कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों पर प्रकाश डाला, छात्रों को भविष्य के अध्ययन में विज्ञान को एक वाहक के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने डाॅ. सीवी रमन, आर्य भट्ट, डाॅ. अब्दुल कलाम आदि जैसे विभिन्न वैज्ञानिकों की उपलब्धियों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने छात्रों को अपने महत्वाकांक्षाओं का पालन करने और वर्तमान में जीने का संदेश दिया। कार्यक्रम में सतपाल धीमान, अतिरिक्त सचिव, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सह संयुक्त सदस्य सचिव, हिमकोस्ट ने मुख्यातिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विज्ञान सर्वत्र पूज्यते का समापन 28 फरवरी, 2022 को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर होगा। युवा विज्ञान पुरस्कार योजना राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018 में शुरू की गई थी।

उन्होंने उन चार विषयों पर ध्यान केन्द्रित किया जो इस कार्यक्रम के तहत मनाए जाने वाले हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से हिमकोस्ट छात्रों के बीच विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं पर वैज्ञानिक सोच और जागरूकता पैदा करने में अत्यधिक सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रहा है। युवा विज्ञान पुरस्कार योजना के तहत छात्रों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। डाॅ. चन्द्रभान मेहता, प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय संजौली ने प्रस्ताव को संबोधित करते हुए अपने परिसर में सप्ताह भर चलने वाले उत्सव की मेजबानी करने के लिए हिमकोस्ट का धन्यवाद किया तथा यह भी अवगत करवाया कि राज्य स्तर पर सभी छात्रों के लिए वैज्ञानिक गतिविधियों का हिस्सा बनने का यह एक सुनहरा अवसर है। कार्यक्रम में सुदेश कुमार मोख्टा, निदेशक, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं सदस्य सचिव, हिमकोस्ट, हिमकोस्ट और कॉलेज के कर्मचारी तथा आसपास के शिक्षण संस्थानों के छात्र एवं शिक्षक शामिल थे।

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