शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज अपने विधानसभा क्षेत्र जुब्बल–नावर–कोटखाई के अंतर्गत उप–तहसील टिक्कर में लगभग 7 करोड़ 7 लाख रुपये की लागत से बनने वाली 5.340 किलोमीटर लंबी कड़ीवन–उमलाडवार–गालून सड़क के निर्माण एवं मरम्मत कार्य का भूमिपूजन किया। यह सड़क नाबार्ड योजना के तहत विधायक प्राथमिकता परियोजना के रूप में स्वीकृत की गई है। इस अवसर पर मंत्री ने क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सड़क निर्माण से स्थानीय लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा प्राप्त होगी और क्षेत्र का सामाजिक–आर्थिक विकास तेज़ी से आगे बढ़ेगा।
ठाकुर ने बताया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के तीन वर्षों के कार्यकाल में उप–मंडल टिक्कर में चहुँमुखी विकास हुआ है। विशेष रूप से सड़क निर्माण के क्षेत्र में नावर क्षेत्र ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। वर्तमान में 100 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों के निर्माण और मरम्मत कार्य जारी हैं, जबकि पूरे जुब्बल–नावर–कोटखाई क्षेत्र में 500 करोड़ रुपये के सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर हैं, जो हिमाचल प्रदेश में सर्वाधिक हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में 147 नई सड़कों की स्वीकृति दी गई है, जबकि वर्ष के अंत तक यह संख्या 150 सड़कों तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है। मंत्री ने कहा कि उनका संकल्प है कि “हर गाँव और हर व्यक्ति सड़क सुविधा से जुड़े, ताकि कोई भी क्षेत्र विकास से अछूता न रहे।”
शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (चरण–4) के अंतर्गत जुब्बल–नावर–कोटखाई में 110 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इस योजना के तहत उप–मंडल टिक्कर में 51 करोड़ रुपये की लागत से 6 नई सड़कों को शामिल किया गया है। इसके अलावा, कड़ीवन–घणासीधार सड़क की री–टारिंग का कार्य 90 लाख रुपये की लागत से प्रगति पर है।
विकास कार्यों की जानकारी देते हुए रोहित ठाकुर ने कहा कि सेब बागवानी और समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए नावर क्षेत्र में कई सड़कों को पक्का किया गया है और नई सड़कों का निर्माण किया गया है।
इस क्षेत्र की पुरानी और महत्वपूर्ण घणासीधार–खदराला सड़क को 9 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से पक्का किया गया है। इसके अतिरिक्त, 25 करोड़ रुपये से विभिन्न भवन निर्माण कार्य भी प्रगति पर हैं।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत कुठाड़ी के अंतर्गत टूटू पानी में 6 करोड़ 72 लाख रुपये की लागत से सेब ग्रेडिंग एवं पैकिंग हाउस का निर्माण किया गया है। यह परियोजना एचपीएमसी के माध्यम से विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित बागवानी विकास योजना के तहत पूरी की गई है, जिसके लिए कुल 1135 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे।
रोहित ठाकुर ने बताया कि वर्ष 2025 में मंडी मध्यस्थता योजना के अंतर्गत सरकार ने 99 हज़ार मीट्रिक टन सेब की खरीद की है, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुने से अधिक है। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बावजूद सरकार ने बागवानों के सेब को बाज़ारों तक पहुँचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की।
आपदा के उपरांत 24 करोड़ रुपये की राशि सड़क मरम्मत कार्यों पर व्यय की गई है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में यातायात और आपूर्ति तंत्र को शीघ्र बहाल किया जा सका।




