जिला शिमला में अब सड़क किनारे घूम रहे बेसहारा पशुओं को जिला प्रशासन सहारा देगा। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने सोमवार को 15 दिवसीय विशेष अभियान की घोषणा की। उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि 1 जनवरी 2026 तक सभी चिन्हित बेसहारा पशुओं को नजदीकी गौ सदनों में पहुंचाया जाएगा। नव वर्ष तक पूरा जिला बेसहारा पशु मुक्त बनाया जाएगा।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि पशुधन हमारी धरोहर है और इन्हें बेसहारा नहीं छोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने पशु मालिकों से अपील की कि अपने पशुओं को वापस ले जाएं। सर्दियों में बेसहारा पशुओं की जान को खतरा रहता है और सड़क दुर्घटनाओं का भी कारण बनते हैं। हाल ही में किए गए सर्वेक्षण में पूरे जिले में 272 बेसहारा पशु पाए गए। जिला के गौ सदनों में लगभग 3,500 पशुओं को रखने की क्षमता है, वर्तमान में लगभग 2,500 पशु ही रखे गए हैं।
बैठक में 2025 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लेख किया गया, जिसमें आवारा कुत्तों के नियंत्रण, नसबंदी, टीकाकरण और सार्वजनिक स्थानों से हटाने के आदेश शामिल हैं। एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स 2023 का सख्त पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
उपायुक्त मंगलवार को सभी एसडीएम और शहरी निकाय सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अभियान की समीक्षा करेंगे। लोक निर्माण विभाग और अन्य हितधारक भी इस बैठक में शामिल होंगे।
उपायुक्त ने पटवारी और पंचायत सचिवों को निर्देश दिए कि अपने क्षेत्र में बेसहारा पशुओं की सूचना तुरंत एसडीएम को दें। पशु टैग हटाने या छोड़ने वाले लोगों के खिलाफ समय रहते कार्रवाई की जाएगी।
यह अभियान शिमला जिले को नव वर्ष तक बेसहारा पशु मुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।





