पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से जारी बयान में प्रदेश में ठेकेदारों के अनुसार चल रही ट्रांसफर नीति की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पेखु बेला पार्ट-2 जैसी परियोजनाओं की तैयारी के चलते सरकार के स्थानांतरण निर्णय अब नागरिक हितों के बजाय ठेकेदारों की सुविधा के अनुसार लिए जा रहे हैं। उनका कहना था कि यह “ठेकेदार सपोर्ट ट्रांसफर पॉलिसी” के समान है, जो नैतिकता और राजनीतिक सुचिता के बिना चल रही है।
जयराम ठाकुर ने उदाहरण देते हुए कहा कि धर्मशाला में एक परियोजना अधिकारी ने सोलर प्रोजेक्ट में ठेकेदार से सख्ती दिखाई, लेकिन इसके बजाय अधिकारी का तबादला कर दिया गया। उन्होंने इसे एसपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के समय की परिस्थितियों से जोड़ते हुए कहा कि ठेकेदारों को सरकार संरक्षण देती है और अधिकारियों पर गलत दबाव बनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि सुविधा शुल्क और मित्र मंडली की वजह से ठेकेदार दो समूहों में बंट गए हैं: एक समूह अपने भुगतान के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है और दूसरा समूह, सहयोग न मिलने पर अधिकारियों को नुकसान पहुंचाने के लिए तुरंत कार्रवाई करवा रहा है। जयराम ठाकुर ने चेताया कि ऐसी व्यवस्था भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है और प्रदेश की भलाई के लिए खतरनाक है।
केंद्रीय हाटी समिति गिरिपार के प्रतिनिधिमंडल ने जयराम ठाकुर से मुलाकात की और हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के मामले में न्यायालय में हो रही देरी पर चिंता जताई। प्रतिनिधिमंडल ने उनके प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया और इस मुद्दे को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के समक्ष उठाने का अनुरोध किया। जयराम ठाकुर ने भरोसा दिलाया कि वह इसे केंद्र स्तर पर उठाएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने लोकसभा और राज्यसभा से बीवी-जी राम जी विधेयक के पारित होने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक सुशासन को मजबूत करेगा, पारदर्शिता लाएगा और आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करेगा। जयराम ठाकुर ने विधेयक के प्रभावी क्रियान्वयन को देश की प्रगति में मील का पत्थर करार दिया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी जनहित के मुद्दों पर हमेशा प्रतिबद्ध रही है।





