कीक्ली रिपोर्टर, 6 मई, 2016, शिमला
कच्ची घाटी शिमला निवासी अमन शर्मा जिसके जीवन का ध्येय कला था और कला के प्रति सक्रियता ही उसकी निरंतरता थी। अमन जब कुल्लू दशहरा देखने गए तो एक सपने को साथ लेकर गए कि कुल्लू की देवभूमि में भगवान रघुनाथ जी के आशीर्वाद और संस्कृति को कैमरे में उतारकर सभी उपस्थित 550 देवताओं की कृपा पाना चाहते थे।
मन में चाह थी कि देव संस्कृति को कैमरे की आंख से आत्मसात कर विश्व पटल तक पहुंचाने की तत्कालीन उपायुक्त राकेश कंवर के सहयोग और स्थानीय लोगों की मदद से अमन का यह सपना साकार हुआ। निर्माण हुआ डॉक्यूमेंटरी फिल्म ‘वैली ऑफ लिविंग गॉडस’ जिसने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के दादा साहब फाल्के फिल्मोत्सव-2016 में देश-विदेश से आई 800 फिल्मो को पीछे छोड़ते हुए स्टूडेंट वर्ग में श्रेष्ठ डॉक्यूमेंटरी का स्थान प्राप्त किया।
शिमला के चैप्सली स्कूल से दसवीं कक्षा उतीर्ण कर अम ने जमा दो की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लालपानी शिमला से की। वर्तमान में एपीजे कॉलेज फाईनार्ट जालंधर के अंतिम वर्ष के छात्र अमन अपनी सफलता का श्रेय पिता श्री अरूण शर्मा व माता श्रीमती सुमन शर्मा को देते हैं। उनका कहना है कि हिमाचल के उन तमाम लोगों के सहयोग से वह यह फिल्म बनाने में कामयाब हुए। अपने साथी गुर कर्णवीर सिंह व गिरीराज सिंह को कैमरा सहयोग तथा लेखन के लिए अंकिता सहगल का भी आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि पुरस्कार जहां मेहनत का फल है, वहीं मुझे भविष्य में परिश्रम के प्रति प्रेरित भी करेगा।