कीक्ली रिपोर्टर, 3 दिसम्बर, 2017, शिमला
जिला में लगभग 21 हजार दिव्यांगजन हैं, जिनमें से चिकित्सा के उपरांत लगभग 12,300 दिव्यांगजनों को 40 प्रतिशत से अधिक विकलांगता के प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं। यह जानकारी आज अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पंकज ललित ने विश्व विकलांगता दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ढली स्थित विशेष बच्चों के संस्थान में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दी।
उन्होंने बताया कि जिला में 70 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले 5540 दिव्यांगजनों को पेंशन प्रदान की जा रही है। दिव्यांगजनों की मूलभूत शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से मूक बधिरों तथा दृष्टिबाधित बच्चों के लिए सुंदर नगर तथा ढली में शैक्षणिक संस्थान चलाए जा रहे हैं।
इन बच्चों की व्यावसायिक प्रशिक्षण की पूर्ति के लिए सुदंर नगर स्थित विशिष्ट औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में दृष्टिबाधित तथा मूक बधिर 150 कन्याओं के लिए विशेष छात्रावास तथा इसी श्रेणी में 50 बालकों के लिए सुंदर नगर में छात्रवास बनाया गया है।
इन्हें रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से प्रथम श्रेणी से चतुर्थ श्रेणी तक चार प्रतिशत आरक्षण तथा 100 से अधिक होनहार दिव्यांग बच्चों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा निजी एवं गैर सरकारी उपक्रमों में व्यावसायिक प्रशिक्षण उपरांत रोजगार उपलब्ध करवाकर उन्हें स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न खेल स्पर्धाओं में विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार भी प्रदान किए।
जिला कल्याण अधिकारी प्रताप सिंह नेगी ने विभाग द्वारा इस वर्ग के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यों व अन्य गतिविधियों का ब्यौरा दिया। दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के चिकित्सकों डॉ अनीता पुरी, डॉ. मनीशा महाजन, क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक दीपा राठौर तथा चुक्षु विभाग के अधिकारी राजेश चैहान ने बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की। कार्यक्रम में विशेष बच्चों के संस्थान (दृष्टिबाधित) ढली के प्रधानाचार्य धर्मपाल राणा ने स्वागत किया, जबकि माया राम शर्मा ने आभार व्यक्त किया।