कीक्ली रिपोर्टर, 26 फरवरी, 2017, शिमला
शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण और शिक्षण स्तर को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए प्रदेश में शिक्षा प्रशासन को गंभीरता से विचार करना होगा। शिक्षा, विधि व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण-2017 के तहत पीटरहाफ में आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए यह विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा युक्त शिक्षकों के बावजूद सरकारी स्कूलों में प्राथमिक स्तर पर बच्चों की कम उपस्थिति चिंता का विषय है, जिसे दूर करने के लिए शिक्षकों, अभिभावकों व समाज के अन्य वर्ग को समन्वय से कार्य करना होगा।
उन्होंने कहा कि एनसीआरटी द्वारा करवाया गया राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण अत्यंत विस्तृत सर्वेक्षण था। उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण के तहत हमारी जो कमियां और चुनौतियां रही हैं, उसकी पूर्ति के लिए विचार कर कार्य योजना तैयार की जाएगी। शिक्षक समुदाय के कार्यों को और अधिक बेहतर बनाने के लिए पुनश्चर्या कार्यक्रम, प्रशिक्षण व अन्य माध्यमों का सहारा लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद तथा शिक्षा विभाग द्वारा सर्वेक्षण में बच्चों की योग्यताओं और परिणामों को प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के साथ विस्तृत रूप से सांझा किया जाना है।
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान प्रदेश के तीसरी, पांचवी और आठवीं कक्षा के लगभग 24 हजार, 771 छात्रों ने भाग लिया। उन्होंने शिक्षकों को आह्वान किया कि शिक्षक शिक्षण कार्य को सरकारी कार्य न समझते हुए भावी राष्ट्र के निर्माण के प्रति अपना दायित्व समझते हुए निर्वहन करें।
उन्होंने कहा कि शिक्षण कार्य मात्र जीविका उपार्जन कार्य न होते हुए, देश में कर्णधारों के निर्माण के लिए किया गया पुनीत कार्य है।
शिक्षा सचिव डॉ. अरूण शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि आर्थिक समृद्धि के लिए शिक्षा में सम सामयिक बदलाव आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के तहत हमारे प्रयासों में जो कमी रही है, उस पर चिंतन कर उसके सुधार के लिए आवश्यक पग उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा में और गुणात्मक सुधार करने के लिए हमें अपने प्रयासों में सघनता लानी होगी।
राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली की प्रो. इंद्राणी भादुड़ी ने राष्ट्रीय सर्वेक्षण परिषद-2017 के परिणामों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला और प्रस्तुति दी। प्रधानाचार्य एवं राज्य योजना समन्वयक श्री डीआर चैहान ने सरकार द्वारा निर्धारित 100 दिनों में प्राप्त किए जाने वाले शिक्षा में गुणवत्ता निर्धारित लक्ष्यों के संबंध में प्रस्तुति दी।
समन्वयक अनुसंधान एवं मुल्यांकन राज्य परियोजना कार्यालय सीमा ठाकुर ने सर्वेक्षण के परिणामों पर विश्लेषण व प्रस्तुति दी। स्कूलों में नवाचार व सर्वोत्तम कार्यों के लिए प्राथमिक पाठशाला बघार कोटखाई के सुश्री निशा शर्मा तथा माध्यमिक पाठशाला रूगड़ा जिला सोलन ने स्कूल के दो बच्चों सहित रोचक प्रस्तुति दी।
निदेशक उच्च शिक्षा, डॉ. अमर देव ने इस अवसर पर अपने विचार रखे। निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा श्री मनमोहन सिंह ने स्वागत किया। इस अवसर पर राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान एवं आरएमएसए आशीष कोहली, अतिरिक्त शिक्षा निदेशक उच्च व प्रारम्भिक शिक्षा, संयुक्त निदेशक उच्च व प्रारम्भिक शिक्षा, एसईआरटी प्रधानाचार्य डॉ. रीता शर्मा, समस्त जिला के उप निदेशक, उच्च व प्रारम्भिक शिक्षा एवं निरीक्षण इकाई तथा राज्य परियोजना कार्यालय के सभी समन्वयक, विशेष कार्यकारी अधिकारी माम चंद पुंडीर, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।