दिव्यांग खिलाड़ियों ने खेल के मैदान में महारत दिखाकर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की झोली पदकों से भर दी। धर्मशाला में छठी हिमाचल प्रदेश पैरास्पोर्ट्स राज्य चैंपियनशिप में विश्वविद्यालय के सात दिव्यांग विद्यार्थियों ने 4 स्वर्ण, 6 रजत और 4 कांस्य पदकों सहित कुल 14 पदक जीतकर तहलका मचा दिया। शारीरिक दिव्यांग बाबूराम ने एक स्वर्ण एक रजत और दो कांस्य पदक समेत कुल 4 पदक जीते। कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने दिव्यांग विद्यार्थियों की अभूतपूर्व सफलता पर उन्हें बधाई दी है। उन्होंने कहा कि भविष्य में विश्वविद्यालय के दिव्यांग विद्यार्थियों को भी सभी प्रकार की खेल सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय दिव्यांग विद्यार्थियों को अन्य विद्यार्थियों के समान सुविधाएं और प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है। विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया अनेक असुविधाओं का सामना करने के बावजूद दिव्यांग विद्यार्थियों ने विभिन्न स्पर्धाओं में बेहतरीन प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय का नाम चमकाया।
उन्होंने बताया एमए (इतिहास) के शारीरिक विकलांग छात्र बाबूराम ने डिस्कस थ्रो में स्वर्ण, शॉटपुट में रजत, 100 मीटर रेस और पॉवर लिफ्टिंग में कांस्य पदक जीतकर रिकॉर्ड बनाया। एमए (पुरातत्व विज्ञान) के दृष्टिबाधित छात्र सुखबीर सिंह ने लंबी कूद में स्वर्ण, भाला फेंक में रजत और 100 मीटर दौड़ में भी रजत पदक जीता। समाजशास्त्र में एमए कर रहे दृष्टिबाधित विद्यार्थी पंकू कुमार ने 100 मीटर रेस में स्वर्ण पदक जीता। पूरी तरह दृष्टिबाधित होने के कारण विशाल ने रनर के तौर पर उनका साथ दिया। राहुल ने भाला फेंक में स्वर्ण और 100 मीटर रेस में रजत पदक जीता। वह शारीरिक विकलांग है और हिंदी में एमए कर रहे हैं। एमकॉम के शारीरिक विकलांग विद्यार्थी परमजीत ने 100 मीटर दौड़ में रजत और भाला फेंक में कांस्य पदक जीता। पत्रकारिता में पीएचडी कर रहे विमल कुमार जाटव को 1500 मीटर रेस में रजत पदक प्राप्त हुआ। जबकि एमकॉम के दृष्टिबाधित छात्र अमित कुमार को डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।