पांगणा में डा. हिमेन्द्र बाली की मण्डी-सुकेत पर आधारित शोधपरक पुस्तक का लोकार्पण

0
723

पांगणा पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में स्थित सुकेत रियासत का धरोहर गांव रहा है जहां भार्गव परशुराम व पाण्डवों के हिमालय में विचरण की अनेक मान्यतायें व पुरातात्विक साक्ष्य विद्यमान हैं I यहीं बंगाल के पूर्ववर्ती सेनवंशज वीरसेन ने कालकूट (कोलकत्ता) की महाकाली भुवनेश्वरी के आशीष से राणाओं, ठाकुरों व साईबेरिया की बर्बर जाति डुंगर को पराजित कर सुकेत राज्य की नींव रखी. स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भी पांगणा का सांस्कृतिक वैभव यथावत् विद्यमान है I यहां महामाया पांगणा का छ:मंजिला दुर्ग मंदिर अपनी अनुपम वास्तुकला और कलात्मकता के लिये पूरे उत्तर भारत में विख्यात है I

पांगणा सुकेत की राजधानी होने के कारण सांस्कृतिक परम्पराओं व लोक साहित्य की उर्वर भूमि रहा है I यह गांव श्रुति-स्मृति  परम्परा को आधारभूत स्तम्भ रूप में सुकेत की संस्कृति का अग्रणी संवाहक रहा है I 7 अप्रैल को पांगणा में हिमाचल प्रदेश कैडर के आई ए एस अधिकारी, लेखक और हिमाचल सरकार में पूर्व में अतिरिक्त मुख्य सचिव रहे तरूण श्रीधर अपनी पत्नी पूर्व आई ए एस अधिकारी रही मनीषा श्रीधर सहित पांगणा पधारे और महामाया राजराजेश्वरी पांगणा का आशीर्वाद प्राप्त किया I

इस अवसर पर मंदिर प्रशासन और संस्कृति मर्मज्ञ डा. जगदीश शर्मा ने सरेपा पहनाकर उनका स्वागत किया I इस अवसर पर तरूण श्रीधर ने पांगणा में  चल रहे बांस से बनी काष्ठकला को देखा I  तरूण श्रीधर  1994 से लेकर 1997 तक मण्डी के उपायुक्त रहे हैं I उनका यह कार्यकाल इनके मौलिक कार्यों के कारण मण्डी के इतिहास में अविस्मरणीय रहा है I तरूण श्रीधर ने हिमाचल के अतिरिक्त मुख्य सचिव रहते हुए पर्यटन को हस्तशिल्प के माध्यम से बढ़ाने के उद्देश्य से पांगणा सहित हिमाचल के कई चुनिंदा गांव में बैम्बूक्राफ्ट हस्त शिल्प कार्यशालाओं को आरम्भ किया I एक साधे अभिवादन  समारोह में हिमाचल में  बैम्बू शिल्प के पुरोधा तेजराम सोनी ने डा. हिमेन्द्र बाली द्वारा मण्डी व सुकेत पर लिखी शोधपरक पुस्तक हिमालय गरिमा:मण्डी का सांस्कृतिक वैभव तरूण श्रीधर को भेंट की I गौरतलब है कि डा. बाली की यह पुस्तक यहां के इतिहास, कला, संस्कति, धर्म व लोकसाहित्य पर नूतन जानकारी का शोधात्मक ग्रंथ है I

यह पुस्तक डा. बाली के पी.एच. डी. के शोध प्रबंध का अभिवर्द्धित रूप है I इस अवसर पर डा. जगदीश शर्मा ने तरूण श्रीधर को डा. हिमेन्द्र बाली द्वारा 2006 में प्रकाशित काव्य संग्रह “प्रभाष”  की प्रति को भी भेंट किया I केन्द्रीय उपभोक्ता मामले के न्यायधीश दिनेश सिंह की पत्नी रोमा सिंह को डा. हिमेन्द्र बाली की पुस्तक  डा. शर्मा की पत्नी व सेवा निवृत राज शास्त्र की प्रवक्ता आशा शर्मा ने भेंट किया I

इन दिनों पांगणा में मुम्बई से स्कूल आफ इन्वायरनमेंट एण्ड आर्किटेक्चर के अध्यापक व विद्यार्थी वास्तु कला की मैपिंग का कार्य कर रहे हैं I इस संस्थान की प्रधानाचार्या  रूपीली गुप्ते को उनके संस्थान द्वारा कला पर किये जा रहे कार्य के दृष्टिगत तरूण श्रीधर के हाथों डा. हिमेन्द्र बाली की इस शोधपरक पुस्तक को प्रदान किया गया I डा. हिमेन्द्र बाली ने सतलुज घाटी की सांस्कृतिक परम्परी पर विशद कार्य किया है I इस विषय पर उनकी एक अन्य शोधपरक पुस्तक इसी वर्ष पाठकों को सुलभ होगी I तरूण श्रीधर स्वयम् भी एक अच्छे लेखक रहे हैं जिनके समसामयिक लेख देश के अग्रणी समाचार पत्रों  में छपते रहे हैं I उन्होने डा. बाली द्वारा संस्कृति व इतिहास  पर लिखी गई इस पुस्तक को पुवा पीढ़ी को मील पथ्थर  कहा I उन्होने कहा कि सुकेत संस्कृति साहित्य एवम् जन कल्याण मंच पांगणा द्वारा संस्कृति के पुनर्स्थापना के लिये किये जा रहे कार्य से नई पीढ़ी को सांस्कृतिक गौरव की जानकारी मिलेगी I गौरव तलब है कि डा. हिमेन्द्र बाली इस मंच के अध्यक्ष हैं और डा. जगदीश शर्मा मंच के संयोजक के रूप में सुकेत की सांस्कॐतिक विरासत को इतिहास के पटल पर लाने के लिए निरन्तर प्रयत्नशील हैं I

Daily News Bulletin

Previous articleWriting Is a Combination of Hope, Inspiration, Discipline, Spontaneity, Structured and a Bit Unstructured Flow of Creative Juices: Chetna Keer
Next articleCM Launches National Health Fest for Divyangjan
Keekli Bureau
Dear Reader, we are dedicated to delivering unbiased, in-depth journalism that seeks the truth and amplifies voices often left unheard. To continue our mission, we need your support. Every contribution, no matter the amount, helps sustain our research, reporting and the impact we strive to make. Join us in safeguarding the integrity and transparency of independent journalism. Your support fosters a free press, diverse viewpoints and an informed democracy. Thank you for supporting independent journalism.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here