एक दिवसीय आजीविका परामर्श कार्यशाला

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महिला एवं बाल विकास विभाग शिमला द्वारा राजकीय कन्या महाविद्यालय शिमला में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना’ के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व गतिविधि के अंतर्गत एक दिवसीय आजीविका परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें उपमण्डलाधिकारी शिमला ग्रामीण निशांत ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने अपने उद्बोधन में सभी छात्राओं से आह्वान किया कि वे लक्ष्य निर्धारित कर उसे प्राप्त करने के लिए पूरी मेहनत करें।

कार्यशाला में जिला रोजगार अधिकारी अंशुल कुमार ने बताया कि जिला शिमला में 12 रोजगार कार्यालय है और हिमाचल में कुल 77 रोजगार कार्यालय है, जो रोजगार के अवसरों को प्रदान करने में अहम भूमिका निभाते है। उन्होंने बताया कि कौशल विकास के लिए 1000 रुपये भत्ता, बेरोजगारी भत्ता प्रति माह दिया जाता है तथा औद्योगिक कौशल विकास भत्ते का भी प्रावधान है उनके द्वारा यह भी बताया गया है कि रोजगार कार्यालय का फेसबुक पेज भी है, जहां रोजगार से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

ग्रामीण विकास विभाग उप-निदेशक अभिषेक भरवाल ने छात्राओं को बताया कि अपना लक्ष्य निर्धारित करे तथा उसके लिए भरसक प्रयास करे, जिससे वह अपने लक्ष्य को पूरा करने में अवश्य सफल होंगे। उन्होंने छात्राओं के प्रश्नों के जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने इस उपलब्धि को बिना किसी कोचिंग के प्राप्त किया है। उन्होंने छात्राओं को प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके लिए उन्होंने कुछ किताबों की जानकारी भी साझा की। उन्होंने छात्राओं को तनाव मुक्त रहने के लिए योग तथा व्यायाम का सहारा लेने के लिए भी कहा।

इस दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी शिमला ममता पाॅल ने कार्यक्रम की रुपरेखा रखते हुए बताया कि इस एक दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य काॅलेज के छात्रों को रोजगार के अवसरों के बारे में जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत भी करियर काउंसलिंग शिविर का आयोजन जिला स्तर पर किया जा रहा है तथा जिला शिमला में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन खण्ड स्तर पर भी किया जाता है। इस अवसर पर कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ. रुचि रमेश ने जिला कार्यक्रम अधिकारी शिमला व अन्य उपस्थित अधिकारियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन होना आवश्यक है तथा कहा कि 21वीं शताब्दी महिलाओं की शताब्दी है और राष्ट्र के विकास में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी को नकारा नहीं जा सकता क्योंकि महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर राष्ट्र की उन्नति में बराबर का योगदान दे रही है इसलिए करियर से संबंधित परामर्श छात्राओं की जरूरत व समय की मांग है। कार्यशाला में बाल विकास परियोजना अधिकारी शिमला शहरी व मशोबरा तथा काॅलेज की लगभग 750 छात्राओं ने भाग लिया।

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