शिमला में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आयोजित दो दिवसीय विशेष कार्यशाला का आज समापन हुआ। कार्यशाला का विषय था “आपदा के समय मनो-सामाजिक देखभाल”, जिसमें विभिन्न विभागों और संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि आपदा के समय लोगों की मानसिक स्थिति को संभालना एक बड़ी चुनौती होती है और इस कार्य में सभी की सामूहिक भागीदारी बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू और राहत कार्यों के साथ-साथ मनो-सामाजिक समर्थन भी उतना ही जरूरी है, जिससे प्रभावित लोगों को मानसिक रूप से मजबूत किया जा सके।
उन्होंने बताया कि बीते वर्ष की समेज त्रासदी ने बहुत कुछ सिखाया है और प्रशासन अब अधिक सक्रियता से मानसून आपदाओं से निपटने को तैयार है। सभी नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है और आपदा के समय लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कार्यशाला के दौरान समेज त्रासदी पर आधारित एक लघु नाटिका का मंचन भी किया गया और यह बताया गया कि उस दौरान किन मनो-सामाजिक उपायों को अपनाया गया था।
सीईओ ज्योति राणा ने कार्यशाला की जानकारी दी और बताया कि इसमें बच्चों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों पर आपदा के प्रभाव और उनसे जुड़ी मनोवैज्ञानिक तकनीकों पर विस्तृत चर्चा हुई।
इस अवसर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, अग्निशमन, महिला एवं बाल विकास, एनसीसी, स्कूल-कॉलेज, और अन्य विभागों से प्रतिनिधियों ने भाग लिया। अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र (सर्टिफिकेट) प्रदान किए गए।