नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने शिमला से जारी एक बयान में प्रदेश सरकार और कांग्रेस नेताओं पर आपदा के समय भी राजनीतिक लाभ लेने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों में जहां स्थानीय लोग स्वेच्छा से जेसीबी और एलएनटी मशीनें दान कर सड़कों को खोलने का प्रयास कर रहे हैं और आम नागरिक डीजल की व्यवस्था अपने स्तर पर कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस के नेता इन्हीं कार्यों का क्रेडिट लेने के लिए विभागीय अधिकारियों पर दबाव बना रहे हैं कि इनका बिल उनके नाम पर बनाया जाए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि यह स्थिति बेहद शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि देजी गांव में जहां 11 लोगों की मौत हो चुकी है, वहां एक महीने बाद भी सरकारी मशीनरी नहीं पहुंच पाई, जबकि स्थानीय सहयोग से सड़कें साफ करवाई गईं। इसके बावजूद कांग्रेस नेता अपनी राजनीतिक मौजूदगी दर्ज कराने में व्यस्त हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को आपदा प्रबंधन में पूरी तरह असफल बताया और कहा कि सड़कों के बंद होने से बागवानी, पुष्प और कृषि उत्पाद बर्बाद हो रहे हैं, जिससे किसानों और उत्पादकों को दोगुना नुकसान हो रहा है। उन्होंने ताजा उदाहरण देते हुए कहा कि आज ही खराब हो चुके उत्पादों को बाजार तक न पहुंचा पाने के कारण फेंकना पड़ा, जो सरकार की विफलता को उजागर करता है।
जय राम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार की कार्यशैली पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार ने चार दिनों तक कैबिनेट बैठकें कर केवल संस्थान बंद करने और रोजगार नीतियों पर चुप्पी साधने का ही काम किया। उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी लंबी बैठक से प्रदेश को आखिर क्या मिला? सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट रूप से मित्रों और खास लोगों को लाभ पहुंचाने पर केंद्रित हैं।