मुख्यमंत्री सुक्खू ने आज कहा कि हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों, विशेषकर मंडी जिले के थुनाग और जंजैहली उपमंडल में राहत और पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। उन्होंने बताया कि मूसलाधार बारिश, बादल फटने और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भारी नुकसान हुआ है, लेकिन राज्य सरकार पूरी मुस्तैदी के साथ बहाली कार्यों में लगी हुई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं। लोक निर्माण, जल शक्ति, और विद्युत बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी स्वयं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। सड़क, बिजली और जलापूर्ति जैसी मूलभूत सेवाओं की बहाली के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि अब तक 392 सड़कों पर यातायात बाधित हुआ है, लेकिन लोक निर्माण विभाग के 289 जेसीबी और एसकेवेटर, 15 रोबोट, 16 डोजर और 111 टिप्परों की मदद से बहाली कार्य तेजी से किया जा रहा है। आज 196 सड़कें खोले जाने की संभावना है जबकि शेष अगले कुछ दिनों में चालू की जाएंगी।
मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित है जहां 189 सड़कों पर आवाजाही रुकी हुई है और लगभग ₹47 करोड़ की क्षति हुई है। जल शक्ति विभाग ने पेयजल आपूर्ति की बहाली के लिए गुरुत्वाकर्षण आधारित छोटी योजनाओं को शुरू किया है और हैंडपंप तथा प्राकृतिक जल स्रोतों से जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
वहीं, विद्युत आपूर्ति को लेकर भी ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। मंडी में बंद हुए 1708 ट्रांसफार्मरों में से 1294 को बहाल कर लिया गया है। गोहर-थुनाग और गोहर-पंडोह विद्युत लाइनों की मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। बिजली बोर्ड की 60 सदस्यीय टीमें प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
दूरसंचार व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए थुनाग क्षेत्र में इंट्रा-सर्किल रोमिंग (ICR) सुविधा और आपात संचार के लिए ISAT प्रणाली भी तैनात की गई है।
मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों में लगे सभी फ्रंटलाइन कर्मचारियों और अधिकारियों के समर्पण की सराहना की और भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार स्थिति को सामान्य बनाने के लिए निरंतर निगरानी और ठोस कदम उठा रही है।