विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार के साथ आज शिक्षा एवं शिक्षकों की विभिन्न लंबित समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल की विस्तृत वार्ता हुई। इस संबंध में जानकारी देते हुए महासंघ के अध्यक्ष प्रोफेसर जे पी सिंघल ने बताया कि यूजीसी रेगुलेशन 2018 को देश भर में एक समान लागू करने, विसंगति निवारण समिति की रिपोर्ट को लागू करने, सेवारत शिक्षकों को पीएचडी प्रवेश पात्रता परीक्षा से छूट देने तथा पीएचडी कोर्स वर्क हेतु सवैतनिक अवकाश देने अथवा एसिंक्रोनस मोड पर ऑनलाइन व्यवस्था करने, महाविद्यालय प्राचार्य का सेवाकाल सेवानिवृत्ति आयु तक बढ़ाने, यूजीसी केयर सूची के जर्नल्स की सूची वर्षवार जारी करने तथा पारदर्शी रूप से इसका विस्तार करने , विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति करने, करियर एडवांसमेंट योजना हेतु यूजीसी रेगुलेशन 2010 की प्रयोज्यता को 3 वर्ष और बढ़ाने तथा उच्च शिक्षा संस्थानों के अन्य अकादमिक स्टाफ की सेवा शर्तें व सेवानिवृत्ति आयु शिक्षकों के समान करने जैसी लंबित समस्याओं पर शिक्षकों का पक्ष विस्तार से रखा गया ।

यूजीसी अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने प्रत्येक विषय को गंभीरता से समझा तथा शीघ्र ही आयोग द्वारा सकारात्मक निर्णय लेने का विश्वास दिलाया । उन्होंने बताया कि विसंगति निवारण समिति की सिफारिशों पर कार्यवाही की जा रही है और शीघ्र ही शिक्षक हित में परिणाम देखने को मिलेंगे । महासंघ की तरफ से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की गई तथा जमीनी स्तर पर इसके क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों की ओर यूजीसी का ध्यान आकर्षित किया गया । प्रो एम जगदीश कुमार ने महासंघ द्वारा प्रस्तुत बिंदुओं को संज्ञान में लिया और अपेक्षित कार्रवाई का विश्वास दिलाया । लगभग 2 घंटे तक चली इस भेंटवार्ता में यूजीसी सचिव प्रो रजनीश जैन, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संगठन मंत्री महेंद्र कपूर, सह संगठन मंत्री जी लक्ष्मण, उच्च शिक्षा संवर्ग प्रभारी महेंद्र कुमार, अतिरिक्त महामंत्री डॉ नारायण लाल गुप्ता, राष्ट्रीय सचिव डॉ गीता भट्ट, संयुक्त सचिव डॉ प्रदीप खेड़कर शामिल थे ।यह जानकारी अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ हिमाचल इकाई के प्रांत महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने दी।

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