July 16, 2025

अवैध धर्मांतरण, गैर-जमानती अपराध : रीता गोस्वामी

Date:

Share post:

राज्य सरकार की अतिरिक्त महाधिवक्ता रीता गोस्वामी ने कहा है कि अवैध धर्मांतरण गैर-जमानती अपराध है। ऐसे मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान है। हिंदू से ईसाई या मुसलमान बने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोग आरक्षण का लाभ भी नहीं ले सकते।  वह उमंग फाउंडेशन द्वारा “हि.प्र.धर्म स्वातंत्र्य कानून -2019 के माध्यम से मानव अधिकार संरक्षण” विषय पर आयोजित वेबीनार में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में बोल रहीं थीं। कार्यक्रम के संयोजक एवं उमंग फाउंडेशन के ट्रस्टी विनोद योगाचार्य ने बताया वेबीनार में हिमाचल प्रदेश एवं अन्य राज्यों के युवाओं ने हिस्सा लिया। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में मानवाधिकार संरक्षण पर साप्ताहिक वेबीनारों की शृंखला में यह 21वां कार्यक्रम था। उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो.अजय श्रीवास्तव ने कहा कि ईसाई मिशनरी गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें ईसाई बना रहे हैं। यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इसलिए समाज को जागरूक बनाने की जरूरत है।

रीता गोस्वामी ने भारतीय संविधान में धर्म पालन और उसके प्रचार के मौलिक अधिकार के बारे में बताते हुए यह भी स्पष्ट किया कि इसका दुरुपयोग नहीं किया जा सकता। लोभ लालच, धोखाधड़ी, बल के उपयोग, या इलाज के बहाने से किसी का धर्म परिवर्तन करना गंभीर अपराध है। इसमें एक से लेकर पांच वर्ष तक की सजा हो और जुर्माना हो सकता है।  उन्होंने कहा कि यदि अवैध तरीके से किसी बच्चे, महिला या अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों का धर्म बदलवाया जाता है तो अपराधी को दो से सात वर्ष तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। ऐसे मामलों में आरोपी के विरुद्ध सिविल जज की कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। धर्मांतरण के इरादे से की गई शादी भी कोर्ट द्वारा रद्द की जा सकती है। इसके लिए फैमिली कोर्ट में शिकायत करनी होगी। यदि किसी जिले में फैमिली कोर्ट नहीं है तो मामला सिविल जज की अदालत में जाएगा।

अतिरिक्त महाधिवक्ता का कहना था कि प्रदेश में गरीबी, बीमारी, बेरोजगारी के शिकार लोगों को ईलाज के बहाने एवं जादू-टोने, भूत-प्रेत जैसे अन्य अंधविश्वासों का डर दिखाकर ईसाई बनाने वाले लोग मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन करते हैं। देवी- देवताओं के प्रति नफरत फैला कर धर्म परिवर्तन कराना भी कानूनन अपराध है। रीता गोस्वामी का कहना है कि अपने मूल धर्म में वापस आने वालों पर यह कानून लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जो स्वेच्छा से धर्मांतरण करना चाहते हैं उन्हें जिला मजिस्ट्रेट को कम से कम एक महीने पहले इस बारे में आवेदन देना होगा। जिला मजिस्ट्रेट ऐसे मामलों में जांच कराएगा कि धर्मांतरण में स्वेच्छा की जगह कोई अवैध कारण तो नहीं है। वेबीनार के संचालन में विनोद योगाचार्य, उदय वर्मा, संजीव शर्मा और अभिषेक भागड़ा ने सहयोग दिया।

Daily News Bulletin

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

India’s Solar Breakthrough: NCPRE Sets New Benchmark

In a significant step toward India's clean energy future, Union Minister for New and Renewable Energy, Pralhad Joshi,...

Shukla’s Return Marks India’s Space Milestone

In a historic moment for India’s space programme, Group Captain Shubhanshu Shukla safely returned to Earth on Tuesday...

CM Sukhu Urges Centre for More Flood Relief Funds

HP CM Sukhu met Union Home Minister Amit Shah on Tuesday, seeking increased central assistance to help the...

CM Sukhu Seeks Gadkari’s Support for Road Repairs, Ropeways

HP CM Sukhu today met Union Minister for Road Transport and Highways, Nitin Gadkari, to seek urgent support...