भारत में हर साल 20 अगस्त को अक्षय ऊर्जा दिवस मनाया जाता है| इसे नवीकरणीय ऊर्जा दिवस के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन को मनाने का मकसद, देश में अक्षय ऊर्जा के महत्व और विकास के बारे में जागरूकता फैलाना है| यह दिन हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत ने पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, और सरकार ने 2030 तक अक्षय ऊर्जा स्रोतों से 50% ऊर्जा प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
ईआईएसीपी हब हिमकोस्ट द्वारा जीएसएसएस कंडाघाट सोलन में मिशन लाइफ के तहत अक्षय ऊर्जा दिवस के बारे में जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सिद्धार्थ आचार्य, एसडीएम कंडाघाट सोलन थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमें ऊर्जा की बचत करनी चाहिए और बच्चों को प्रोत्साहित किया कि हमें केवल अच्छे अंकों पर ध्यान नहीं देना चाहिए बल्कि अपने आधार बुनियादी ज्ञान में सुधार करना चाहिए। उन्होंने उपस्थित शिक्षकों से भी अनुरोध किया कि वे बच्चों के वैज्ञानिक ज्ञान को बेहतर बनाने में मदद करें ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके|
कुलदीप सूर्या प्रिंसिपल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कंडाघाट सोलन ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा उनके साथ आए राज कुमार प्राशर, डिप्टी एडुकेशन ऑफिसर एवम हिमकॉस्ट से आए अधिकारियो का स्वागत किया। इन्होंने बच्चों के साथ अक्षय ऊर्जा दिवस पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने हिमकॉस्ट से आये अधिकारियों का धन्यवाद किया की इस तरह की गतिविधियाँ उन्होंने हमारे स्कूल के बच्चों के लिए आयोजित की इसे बच्चों का प्रोत्साहन बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि ऊर्जा की बचत हमारे जीवन के लिए कितनी महत्वपूर्ण है।
राज कुमार प्राशर, ने अपने भाषण में नवीकरणीय ऊर्जा दिवस के स्रोतों की जानकारी देते हुए कहा कि इस दिन को मनाने का उद्देश्य ऊर्जा बचत के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है|
प्रियंका शर्मा, समन्वयक, ईआईएसीपी पीसी हब, हिमकॉस्ट शिमला ने अपने संबोधन में सभी को अक्षय ऊर्जा दिवस के बारे में जानकारी दी| उन्होंने बताया कि यह प्रोग्राम मिशन लाइफ के तहत मनाया जा रहा है । मिशन लाइफ भारत के नेतृत्व में चलाया गया एक ऐसा जन-आंदोलन है जो लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करता है। इन्होंने कहा कि भारत लगातार नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है। हिमाचल प्रदेश सरकार भी प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है तथा प्रदेश को 2030 तक ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने का लक्ष्य है। इन्होंने बच्चों को सरल भाषा में भी अक्षय ऊर्जा के बारे में जागरूक किया जैसे कि जब लाईट प्रयोग में ना हो तो स्विच ऑफ कर दें। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें, लिफ्ट और एलेवटर का उपयोग कम करें और इन्होंने बच्चों को एलईडी बल्ब यूज करने के लिए प्रोत्साहित किया तथा प्रतियोगीताओ में भाग लेने वाले बच्चों को बधाइयाँ दी और कहा की इसी तरह वे आगे निरंतर प्रयास करते रहे।
इस कार्यक्रम में कंडाघाट ब्लॉक, सोलन के 30 स्कूलों के लगभग 200 छात्रों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के उपलक्ष्य में ईआईएसीपी पीसी हब द्वारा अंतर-विद्यालय कला प्रतियोगिता और क्विज प्रतियोगिता आयोजित करवाई गयी। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों में नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनके ज्ञान को परखना था। कला प्रतियोगिता में सीनियर वर्ग की मिताली, डीएवी स्कूल कंडाघाट ने प्रथम स्थान, जतिन, जीएसएसएस छोशा ने द्वितीय स्थान एवं महक, जीएसएसएस सलोगरा.. ने तृतीय स्थान तथा जूनियर वर्ग में आशिमा, एलीट स्कूल, सोलन ने प्रथम स्थान, दीक्षा, जीएमएसएस पलेच ने द्वितीय स्थान एवं रिषिका, जी एच एस सकोड़ी ने तृतीय स्थान हासिल किया| क्विज प्रतियोगिता में हर्षित और अंशिका, जी एच एस पपलोल ने प्रथम स्थान, महक और यशिका, डीएवी स्कूल कंडाघाट ने द्वितीय स्थान एवं सयम और धीरेन, जीएसएसएस स्कूल कंडाघाट ने तृतीय स्थान हासिल किया।
विजेता छात्रों को पुरस्कार और प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया। सभी छात्रों ने इस आयोजन को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और संकल्प लिया कि वे अपने दैनिक जीवन में अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देंगे। अक्षय ऊर्जा दिवस पर विद्यार्थियों दवारा एक लघु नाटिका का भी मंचन किया गया।
इस अभियान के दौरान स्कूल के प्रधानाचार्य कुलदीप सूर्या, जिला विज्ञान पर्यवेक्षक सोलन, अमरीश शर्मा और ईआईएसीपी हिमकोस्ट के अधिकारी प्रियंका शर्मा, अजय पंवर, डॉ० ऋत्विक चौहान एवं जय प्रिया मौजूद रहें।