विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/बलात्कार, शिमला,अमित मंडयाल की अदालत ने आरोपी सुभाष चंद को सरकार बनाम सुभाष चंद मामले में आईपीसी की धारा 376, 506 और POCSO अधिनियम की धारा 6 के तहत एफआईआर नंबर 34/22 में 20 साल की कठोर कारावास और 25,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। तथा आईपीसी की धारा 506 के तहत 6 महीने का कठोर कारावास व 1,000 रुपये जुर्माना की सजा भी सुनाई गई व 2 लाख रुपये का मुआवजा भी जारी किया गया।

मामले के संक्षिप्त तथ्य:-

दिनांक 3.12.2021 जब पीड़िता स्कूल जा रही थी तो आरोपी सुभाष (जो रिश्ते में उसका नाना लगता था) ने उसके साथ जंगल में बलात्कार किया तथा किसी को बताने पर मार डालने की धमकी दी । दिनांक 12.12.2021 को फिर से नानू सुभाष चंद ने करीब 8 बजे शाम को अपने घर में जबरदस्ती खींच कर पीड़िता के साथ 2 बार बलात्कार किया। जब पीड़िता की माता उसको चेकअप के लिए अस्पताल ले गई तो मालूम हुआ कि वह 6 महीने से गर्भवती है।

इन तथ्यों के आधार पर पुलिस स्टेशन चिड़गांव में आईपीसी की धारा 376, 506 और POCSO अधिनियम की धारा 6 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। मुकदमे के दौरान, अभियोजन पक्ष ने इस मामले को साबित करने के लिए 17 गवाहों की जांच की और मुकदमे के समापन पर दलीलें सुनी गईं और विशेष न्यायाधीश, शिमला की अदालत ने आरोपी को उपरोक्त कथित अपराध के लिए दोषी ठहराया। अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व श्रीमती संगीता जस्टा, उप जिला न्यायवादी द्वारा किया गया।

बलात्कार मामले में आरोपी सुभाष चंद को 20 साल की सजा और जुर्माना: POCSO शिमला

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