शिमला के ऐतिहासिक बैंटनी कैसल में आयोजित तीन दिवसीय शिमला कला महोत्सव का समापन आज हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में हुआ। यह आयोजन हिमाचल प्रदेश राज्य संग्रहालय द्वारा किया गया था, जिसका उद्देश्य पारंपरिक और समकालीन चित्रकला को बढ़ावा देना और उभरते चित्रकारों को एक सशक्त मंच प्रदान करना रहा।
महोत्सव में राज्य व देश भर से चयनित कलाकारों ने भाग लिया और “हिमाचल की सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य” थीम पर आधारित अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी में पारंपरिक व आधुनिक दोनों ही चित्र शैली देखने को मिलीं, जिन्हें दर्शकों, विद्यार्थियों, पर्यटकों और कला प्रेमियों ने खूब सराहा।
मुख्य सचिव ने सभी प्रतिभागी चित्रकारों की प्रशंसा करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने बैंटनी कैसल जैसे सांस्कृतिक स्थल पर इस प्रकार के आयोजन को रचनात्मक प्रयास बताया और भविष्य में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस महोत्सव के लिए देशभर से 800 से अधिक आवेदनों में से 20 चित्रकारों का चयन किया गया, जिनमें 15 अन्य राज्यों से और 5 हिमाचल प्रदेश से थे। साथ ही 450 ओपन श्रेणी के प्रतिभागियों, 15 स्थानीय स्कूलों, 40 फाइन आर्ट कॉलेज और 20 विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग की सचिव राखिल कोहलों, निदेशक रीमा कश्यप, हिमाचल विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि, फाइन आर्ट कॉलेज के प्रधानाचार्य, जिला भाषा अधिकारी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।