प्रदेश में बेरोज़गार शारीरिक शिक्षकों ने उनकी मांगें पूरा न होने पर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन का मन बना लिया है। इनका आरोप है कि शारीरिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए सरकार की ओर से उन्हें बार-बार झूठा आश्वासन मिल रहा है, बेरोजगारी और राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन । जिसके चलते उन्होंने 3 अगस्त को शिमला स्थित राज्य सचिवालय के बाहर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। संघ के सचिव राकेश शर्मा ने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि शिक्षा विभाग में शारीरिक शिक्षकों के करीब 2150 पद खाली चल रहे है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अन्य विषयों की भतियां समय-समय पर की गई हैं, लेकिन डीएम और पीईटी विषय को इन भर्तियों से हमेशा वंचित रखा गया है। राकेश शर्मा ने इन भर्तियों को लेकर सरकार से अपनी मंशा जाहिर करने का भी आग्रह किया है ताकि वे गुमराह होने से बच सकें। लंबे समय से भर्तियां न होने से निराश बेरोज़गार शारीरिक शिक्षक रोजगार की राह देख रहे हैं।
उनका कहना है कि किसी भी विद्यालय में शारीरिक शिक्षक अहम् भूमिका निभाता है, शारीरिक शिक्षक की मदद से उनमें अनुशासन और नैतिक गुणों का विकास होता है। उनका आरोप है कि शारीरिक शिक्षकों की भर्तियां न कर आने वाली पीढ़ी को शारीरिक दिव्यांगता की ओर धकेलने का प्रयास किया जा रहा है।
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