आज शिमला गेयटी थियेटर सभागार में हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच शिमला द्वारा इस वर्ष की सातवीं साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें डॉ. पंकज ललित, निदेशक, भाषा एवम संस्कृति विभाग मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने गोष्ठी के पहले सत्र में तीन काव्य पुस्तकों का लोकार्पण किया जिनमें रौशन जसवाल का काव्य संग्रह “मैं बच्चा होना चाहता हूं”, रमेश डढवाल का कविता संग्रह “शादाब” और अनिल शर्मा “नील” की कविता पुस्तक “बेअसर बहते मेरे आंसू” शामिल थीं।
ललित जी ने तीनों लेखकों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए हिमालय मंच के साहित्यिक आयोजनों की सराहना भी की। यह जानकारी हिमालय साहित्य मंच के अध्यक्ष एस. आर. हरनोट ने मीडिया को दी।
उन्होंने बताया कि रौशन जसवाल की पुस्तक पर दीप्ति सारस्वत और डॉ. सत्य नारायण स्नेही, रमेश डढवाल की पुस्तक पर अभिषेक और डॉ. हेमराज कौशिक तथा अनिल शर्मा नील के काव्य संग्रह पर गुप्तेश्वर नाथ उपाध्याय और जगदीश कश्यप ने समीक्षात्मक टिप्पणियां प्रस्तुत की। तीनों रचनाकारों ने विमोचित पुस्तकों में से कविता पाठ भी किए। सत्र का सफल संचालन जगदीश बाली ने सारगर्भित टिप्पणियों के साथ किया।
दूसरा सत्र दोपहर बाद 3 बजे शुरू हुआ जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ गजलकार सतीश रत्न ने की जिनके साथ मंच डॉ. सत्यनारायण स्नेही, रत्न चंद निर्झर और भारती कुठियाला ने साझा किया। सबसे पहले मंच की सदस्य और चर्चित कवयित्री दीप्ति सारस्वत को उनके जन्मदिन पर मंच और सभी उपस्थित लेखकों द्वारा बधाई और शुभकामनाएं दीं गईं।
इस सत्र की यह विशेषता रही कि कोलकाता से शिमला भ्रमण पर आए भारतीय रेलवे के कर्मचारी और कवि चंद्र किशोर चौधरी ने सस्वर कविता पाठ किया। इस सत्र का संचालन दक्ष शुक्ला ने बहुत सुंदर टिप्पणियों के साथ किया।
काव्य पाठ में डॉ. सत्य नारायण स्नेही, कुलदीप गर्ग तरुण, रौशन जसवाल, रमेश डढवाल, हरदेव सिंह धीमान, राजीव खन्ना, दिनेश शर्मा, पूर्ण चंद, जगदीश बाली, स्नेह नेगी, दीप्ति सारस्वत, नरेश देओग, कल्पना गांगटा, सतीश रत्न, डॉ.कौशल्या ठाकुर, रत्न चंद निर्झर, भारती कुठियाला, वीरेंद्र कुमार, ओम प्रकाश शर्मा, अभिषेक तिवारी, जगदीश कश्यप, रोशन लाल प्राशर, कमला ठाकुर, जवाहर कौल, विरेंद्र शर्मा, जवाहर कौल और युवा रचनाकार छात्रों अंजली, उषा शोना, राहुल देव प्रेमी, यादव कुमार शर्मा, अजय विचलित ने भी अपनी रचनाओं का पाठ किया।