रौशन जसवाल विक्षिप्त, स्पेशल फीचर, अप्रैल, 2019, शिमला
शतरंज के माध्यम से मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक करना था वहीं ये विश्व की सबसे लंबी स्पर्धा भी बनी
मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक करने के लिए हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िला में 4 अप्रेल से 6 अप्रेल 2019 तक शतरंज मैराथन का आयोजन किया गया। ज़िला मंडी शतरंज संघ द्वारा आयोजित शतरंज मैराथन अपने में अनूठी स्पर्धा थी। इस स्पर्धा के माध्यम से जहां शतरंज के माध्यम से मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक करना था वहीं ये विश्व की सबसे लंबी स्पर्धा भी बनी।
इस शतरंज मैराथन में हितेश आज़ाद, संयुक्त निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा हिमाचल प्रदेश और हंस राज ठाकुर, प्रवक्ता भौतिकी, राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गोहर मंडी ने भाग लिया। शतरंज मैराथन 53 घण्टे 17 मिनट और 49 सेकेंड तक चली जो कि नया विश्व रिकॉर्ड बना इससे पहले ये रिकॉर्ड पोलेंड के शतरंज खिलाड़ियों के नाम था जिन्होंने लगातार 50 घण्टे 1 मिनट और 7 सेकेंड तक शतरंज खेली।
शतरंज मैराथन का आयोजन अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार किया गया। सभी बाजियां शतरंज के अंतरराष्ट्रीय नियम के अनुसार ब्लिट्ज़ प्रणाली के अंतर्गत खेली गई । प्रत्येक बाजी के लिए दोनों खिलाड़ियों को पांच-पांच मिनट का समय दिया गया। नियम अनुसार खिलाड़ी को अपनी और प्रतिद्वंदी दोनों की हर चाल अनिवार्य रूप से लिखनी होती है ताकि किसी विवाद की स्थिति में अथवा बोर्ड अव्यवस्थित होने पर निर्णय लेने के लिए उसका उपयोग किया जा सके तथा बाजी को भविष्य के लिए सजो कर रखा जा सके। इस आयोजन में 50 से अधिक घंटों तक लगातार खेल होना था इसलिए खिलाड़ी की थकान को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक शतरंज बोर्ड का उपयोग किया गया जिसमें बाजी की हर चाल स्वत: ही सुरक्षित होती रहती है। इलेक्ट्रॉनिक शतरंज बोर्ड के उपयोग से प्रत्येक बाजी का followchess.com पर “नॉन स्टॉप ब्लिट्ज़” के नाम से 4 से 6 अप्रेल 2019 तक लाइव डिजिटल प्रसारण किया गया।
इसमे कुल 303 बाजियां खेली गई। जिसमे चार विश्व कीर्तिमान बने। पहला लगातार 300 से अधिक शतरंज की बाजियों के लाइव प्रसारण का यह एक विश्व कीर्तिमान है। दूसरा लगातार 50 घण्टे से अधिक समय तक शतरंज की बाजियों का लाइव प्रसारण भी विश्व मे पहली बार देखा गया तीसरा इस प्रदर्शन से पोलैंड के दो शतरंज खिलाड़ियों द्वारा बनाया गया लगातार 50 घण्टे 1 मिनट 7 सेकंड का रिकॉर्ड भी ध्वस्त हुआ। क्योंकि यह खेल 53 घण्टे 17 मिनट और 49 सेकेंड तक चला। चौथा, शतरंज खेल का यह 50 घण्टे से अधिक समय का मैराथन प्रदर्शन मतदाता जागरूकता के लिए था। ऐसा विश्व मे पहले कभी नहीं हुआ।
303 बाजियों की समाप्ति पर दोनों खिलाड़ी खेल को समाप्त करने के लिए सहमत हुए और हितेश आज़ाद शतरंज मैराथन के विजेता रहे।
शतरंज मैराथन को सफल बनाने में ज़िला मंडी शतरंज संघ के पदाधिकारियों सदस्यों के साथ साथ चीफ आर्बिटर राजकुमार शर्मा, डिप्टी चीफ आर्बिटर नैना देवी, प्रचार और मीडिया संयोजक रमेश खाची (गिनीज रिकॉर्ड होल्डर), डिजिटल जीवंत प्रसारण विवेक महाजन, आयोजक सदस्य मनसा राम शर्मा, समेरु ठाकुर और जगदीश चंदेल ने लगातार 4 अप्रेल से 6 अप्रेल 2019 तक 53 घण्टे तक अपना योगदान दिया।
इसके अतिरिक्त डिजिटल लाइव प्रसारण में शतरंज में भारत के प्रथम फीडे इंस्ट्रक्टर व फीडे आर्बिटर मुंबई के इंडियन चैस स्कूल के प्रफुल्ल जावेरी व सन्देश नागरनायक का विशेष सहयोग रहा जिन्होंने दिन रात लाइव प्रसारण में आने वाली दिक्कतों को तुरंत दूर करने में सहायता की।
खिलाड़ियों के निरंतर स्वास्थ्य जांच अभिलाषी महाविद्यालय और अस्पताल से डॉ बलदेव सिंह ठाकुर, डॉ विकास भरमौरिया, डॉ मनु भरमौरिया, शीतल जीएनएम, डॉ गौरव चिकित्सा अधिकारी, पूनम नर्सिंग, डॉ हरीश और मनचली एएनएम ने विशेष भूमिका निभाई ।
शतरंज मैराथन का जीवंत प्रसारण पूरे संसार में हुआ तथा तीन सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पूरी स्पर्धा को रिकॉर्ड किया गया।
शतरंज मैराथन के माध्यम से मतदाताओं को जागरूक करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति प्राप्त की गई थी । इस अनूठे आयोजन पर मुख्य चुनाव अधिकारी देवेश कुमार और सह मुख्य चुनाव अधिकारी डी के रतन ने प्रसन्नता व्यक्त की।
ज़िला मंडी प्रशासन की तरफ से उपायुक्त ऋग्वेद मिलिंद ठाकुर और अतिरिक्त उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने विशेष रुचि दिखाई। आशुतोष गर्ग ने इस स्पर्धा का शुभारंभ किया था।
दर्शकों की रुचि के लिए अलग से शतरंज बोर्ड भी रखे गए थे जहां वे आपस मे शतरंज खेल सकें। स्थानीय लोगों के अतिरिक्त आईटीआई व स्कूल के बच्चों व शिक्षकों ने इस अनूठी स्पर्धा को देखा। वोटरों ने वोट देने की प्रतिज्ञा की जबकि छात्रों ने वोटरों को वोट देने के लिए प्रेरित करने व बुजुर्गों को मतदान केंद्र तक ले जाने में सहायता करने का संकल्प लिया।
इस दौरान रमेश खाची ने indianvotefestival.org नाम से एक वेबसाइट लांच की तथा इसका फेसबुक पेज प्रकाशित किया गया जिसमें इस शतरंज स्पर्धा के साथ साथ मतदाता प्रतिज्ञा तथा मतदाता जागरूकता जानकारी उपलब्ध की गई। रमेश खाची हिमाचल प्रदेश से शतरंज के प्रथम नेशनल आर्बिटर हैं।
मतदाताओं को शतरंज के माध्यम से जागरूक करने की हिमाचल ही नहीं अपितु भारत मे अपने आप में एक अनुठा और प्रथम प्रयास है। ये स्पर्धा विश्व रिकॉर्ड से सम्बंधित है इसलिए गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से सम्पर्क किया गया है। शीघ्र ही ये रिकॉर्ड हिमाचल के नाम होगा जो हिमाचल के लिए गौरव की बात है।
(रौशन जसवाल विक्षिप्त, उपनिदेशक प्रारम्भिक शिक्षा, प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय हिमाचल प्रदेश, लालपानी, शिमला 171001)
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