दयानंद पब्लिक स्कूल ने अभिभावकों की तरफ से 2019 की हिमाचल सरकार की अधिसूचना के आधार पर फीस जमा करवाने के बाबजूद भी स्कूल ने बच्चों के रिजल्ट रोक दिए है। इसके चलते यहां पर पढऩे वाले बच्चों के अलावा अभिभावक भी परेशान है। इस सिलसिले में आज ही अभिभावकों ने स्कूल principal से मुलाकात की और बच्चों के रिजल्ट को declare करने की request भी की, लेकिन Principal, DPS ने न सिर्फ़ सरकार की अधिसूचना को मानने से ही साफ़ इनकार कर दिया और ना ही बच्चों का रिजल्ट भी अभिभावकों को देने से साफ इन्कार कर दिया व अभिभावकों को बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकी भी दे दी, जिसे से छात्र-अभिभावक काफ़ी परेशान है। यहां पर ये भी बता दें कि इस सिलसिल में स्कूल प्रबंधन से पहले भी अभिभावकों के प्रतिनिधिमंडल ने शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में 3-4 बार अपना Representation भी सौंपा, लेकिन उन्हें स्कूल की तरफ से आज तक कोई भी response/communication प्राप्त नहीं हुआ ।
इसके बाबजूद अधिकतर अभिभावकों ने वर्ष 2019 की तर्ज़ पर ट्यूशन फीस जमा करवा दी गई, क्योंकि सरकार की 2019 की अधिसूचना के अनुसार स्कूलों में फीस वृद्धि के लिए इस को उन्हें Parents के General House में Approve करवाना होगा, लेकिन प्रदेश के अधिकतर प्राइवेट स्कूलों में हिमाचल सरकार की इस अधिसूचना की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है, और बिना किसी General House की approval के अभिभावकों को मनमर्ज़ी की बड़ाई गई फीसों को जमा करवाने का दबाब बनाया जा रहा है, जो कि न सिर्फ गलत है बल्कि ग़ैरकानूनी भी है|आज स्कूल प्रबंधन से मिलने पहुंचे अभिभावक योगेश वर्मा, उमेश शर्मा, वीरेंद्र कुमार, मनीष मैहता, मोहन जागटा, रेखा शर्मा, निशा राणा, मीना, अंजना मेहता, अर्जुन और रमेश ठाकुर ने यहां जारी संयुक्त बयान में कहा कि उन्होंने वर्ष, 2019 की अधिसूचना के अनुसार अपनी फीस जमा करवाई है, क्योंकि कोविड-19 के कारण बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन ही हुई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल की तरफ से बिना जनरल हाउस बुलाए और पी.टी.ए. गठित किए ही फीस में बढ़ौतरी की गई है, जो कि ना सिर्फ गलत है, बल्कि ग़ैरकानूनी भी है, जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीँ किया जाएगा। उन्होंने स्कूल प्रबंधन से वर्ष, 2019 की अधिसूचना के अनुसार फीस लेने और बच्चों के रिजल्ट को शीघ्र से शीघ्र घोषित करने की मांग की है। अभिभावकों ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश के शिक्षामंत्री गोबिंद ठाकुर पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि क्रोनआ काल मे निजी स्कूल संचालक ऑनलाइन पढ़ाई करवाने पर अभिभवकों से पूरी फीस नही वसूल सकते है। अगर इस मामले में सरकार में सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं करती है, तो अभिभावक मज़बूरन इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरने को भी तैयार है|