October 19, 2025

होम स्टे में बिजली पानी मिलेगा कर्मिश्यल दरों पर – अनिरूद्ध सिंह

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जिला नियोजन विकास एंव बीस सूत्रीय कार्यक्रम प्रगति एवं समीक्षा बैठक पंचायती राज एंव ग्रामीण विकास मंत्री अनिरूद्ध सिंह की अध्यक्षता में बचत भवन में शुक्रवार को आयोजित की गई। बैठक में 2022-23 और 2023-24 के कार्यों की समीक्षा की गई और 2024-25 की पहली तिमाही के लिए बजट को मंजूरी दी।

बैठक को संबोधित करते हुए पंचायती राज एंव ग्रामीण विकास मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने कहा कि इस सरकार में पहली बैठक हुई है। इसमें निर्देश दिए गए है कि आगामी बैठक में विस्तृत तौर पर एजेंडा बनाया जाए। ताकि सही तरीके से हर विषय की जानकारी से अवगत हो सके। उन्होंने कहा कि लंबित कार्याें को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए है। इसके साथ ही सभी खंड विकास अधिकारियों को आदेश दिए है कि यूसी तुरंत तैयार करके विभाग में जमा करवाए।

उन्होंने कहा कि जिले में सेब सीजन के चलते लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए गए है कि सड़कों की स्थिति में सुधार किया जाए। इसके अलावा जहां पर नवीनीकरण का कार्य चला हुआ है, उसे सेब सीजन से पहले पूरा किया जाए।

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि अगामी तिमाही की बैठक में संबधित विभागों के अधिकारी योजनाओं से लोगों को मिल रहे लाभों की रिपोर्ट की प्रस्तुति बैठक में करेंगे। ताकि अन्य लोगों के लिए प्ररेणादायक हो सके। इसके साथ ही जिन विभागों में कार्य संतोषजनक नहीं है। वे भी आगामी बैठक से पहले अपने कार्य में सुधार करें। बैठक में नदारद रहे अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कारवाई अमल में लाई जाएगी।

इस मौके पर नंद लाल अध्यक्ष 7वें वित आयोग, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी जिला परिषद चैयरमैन चंद्र प्रभा नेगी, वाईस चैयरमैन सुरेंद्र रेक्टा, अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा, एडीएम प्रोटोकाॅल ज्योति राणा, नगर निगम आयुक्त भूपिंद्र सिंह अत्री, संबधित विभागों के अधिकारी और गैर सरकारी सदस्य विशेष तौर पर मौजूद रहे।

बीस सूत्रीय कार्यक्रम 1 अप्रैल 2007 से आरंभ
बीस सूत्रीय कार्यक्रम को साल 2006 में भारत सरकार ने मंजूर किया था तथा इसकी प्रकिया 1 अप्रैल 2007 से शुरू हुई थी। इसमें बीस बिंदु रखे गए। जिसमें कई विभागों को शामिल किया गया। इस कार्यक्रम के तहत विभागों को वार्षिक लक्ष्य दिए जाते, ताकि देश, राज्य व जिले का विकास हो सके। बीस सूत्रीय कार्यक्रम एक निगरानी तंत्र है, जो गरीबी उन्मूलन, रोजगार, शिक्षा, आवास, स्वास्थ्य, कृषि, भूमि सुधार, सिंचाई, पेयजल, कमजोर वर्गों का संरक्षण और सशक्तिकरण, उपभोक्ता संरक्षण, पर्यावरण, ई-गवर्नेंस आदि जैसे विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पहलुओं को कवर करता है।

होम स्टे में बिजली पानी मिलेगा कर्मिश्यल दरों पर
प्रदेश के होम स्टे में बिजली और पानी की सुविधा कर्मिश्यल दरों के हिसाब से मुहैया करवाने का प्रस्ताव होम स्टे नियम 2024 में बदलाव को लेकर बनी मंत्रीमंडलीय उप समिति के समक्ष रखा गया है। ये बात केबिनट मंत्री ने बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि उप समिति की बैठक 22 जुलाई को होना प्रस्तावित है। इसमें विभिन्न प्रस्तावों पर फैसले लिए जाएंगे।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहली तिमाही के लिए बजट को मंजूरी
राज्य विकास योजना और विकेन्द्रीकृत योजना कार्यक्रम के तहत 3 करोड़ 98 लाख रूपए, पिछड़ा क्षेत्र उप योजना के तहत 3 करोड़ 83 लाख, मुख्यमंत्री ग्राम पथ योजना के तहत 31 लाख 77 हजार रूपए और विकास में जन सहयोग के आधीन 1 करोड़ 88 लाख रूपए के बजट को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के वित्तीय स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की।

अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश
बैठक में कई विभागों के संबधित अधिकारी अनुपस्थित रहे। इसके अलावा अन्य अधिकारियों को बैठक में भेज रखा था। पंचायती राज एंव ग्रामीण विकास मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने उपायुक्त को निर्देश दिए कि अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करके आगामी करवाई अमल में लाई जाए। इसके साथ कारवाई की सूची मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।

टौर के पौधों का किया जाए पौधारोपण
बैठक में केबिनट मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने वन विभाग को निर्देश दिए है कि टौर के पौधों की नर्सरी तैयार की जाए और इसके लिए स्थान भी चयनित करके पौधारोपण करें। उन्होंने कहा कि सक्षम फेडरेशन टौर के पत्तों से पत्तल बनाने का कार्य कर रही है जोकि सराहनीय कार्य है। इसी तर्ज पर अन्य स्वयं सहायता समूह भी आगे तभी आएंगे जब उन्हें टौर के पत्तें आसानी से मिल सकेंगे।

गैर सरकारी सदस्यों ने उठाए मुददे
इस बैठक में जिले भर के कई गैर सरकारी सदस्यों ने संबधित क्षेत्रों के मुददें उठाए। इनमें केसरी चैहान, भूपेंद्र धाल्टा, चुन्नी लाल, भूपेंद्र कौशल आदि ने जन शिकायतें सामने रखी। इन पर संबधित विभागों के अधिकारियों ने प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। केबिनट मंत्री ने गैर सरकारी सदस्यों की ओर से रखी गई जन शिकायतों का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर करने के आदेश दिए। 

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